Homeन्यूज़Mental Health Condition: मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या वैश्विक चिंता का विषय है.Mental Health Condition:

Mental Health Condition: मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या वैश्विक चिंता का विषय है.Mental Health Condition:

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मानसिक स्वास्थ्य की समस्या आज वैश्विक चिंता का विषय बन गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट ‘वर्ल्ड मेंटल हेल्थ टुडे’ और ‘मेंटल हेल्थ एटलस 2024’ ने इस गंभीर स्थिति पर प्रकाश डाला है। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य विकार से पीड़ित हैं, और हर 100 मौतों में से एक का कारण आत्महत्या है।

WHO रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • बढ़ते मामले: साल 2011 से 2021 के बीच मानसिक विकारों के मामले जनसंख्या वृद्धि से भी तेज़ी से बढ़े हैं। 2021 में, कुल वैश्विक आबादी का 13.6% हिस्सा मानसिक स्वास्थ्य विकारों से प्रभावित था।
  • युवा सबसे ज़्यादा प्रभावित: 20 से 29 वर्ष के युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य विकारों का प्रसार सबसे ज़्यादा बढ़ा है।
  • आत्महत्या के आंकड़े: 2021 में करीब 727,000 लोगों ने आत्महत्या से अपनी जान गंवाई। आत्महत्या 15-29 वर्ष के युवाओं में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।
  • कमजोर समूहों पर प्रभाव: शरणार्थी, प्रवासी, स्वदेशी लोग और LGBTQI+ समुदाय जैसे कमजोर समूहों में आत्महत्या की दर अधिक होती है।
  • पुरुषों में अधिक आत्महत्या: दुनिया भर में, पुरुषों में आत्महत्या की दर महिलाओं की तुलना में दोगुनी है, जो एक “साइलेंट एपिडेमिक” (Silent epidemic) बन रही है।
  • वित्तीय निवेश की कमी: रिपोर्ट बताती है कि सरकारें मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने कुल स्वास्थ्य बजट का सिर्फ़ 2% ही खर्च करती हैं, जो पर्याप्त नहीं है।

क्यों बढ़ रहे हैं तनाव, अवसाद और आत्महत्या के मामले?

मनोवैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि इसके कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:

  1. सामाजिक और पारिवारिक दबाव: शैक्षिक और करियर में सफल होने का अत्यधिक दबाव, पारिवारिक समस्याएं, और रिश्ते में अलगाव की भावना युवाओं में तनाव का एक बड़ा कारण है।
  2. आर्थिक समस्याएं: बेरोज़गारी, व्यापार में घाटा, और वित्तीय संकट लोगों को निराशा की ओर धकेल रहे हैं।
  3. अकेलापन और अलगाव: सोशल मीडिया के दौर में भी लोग खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं। परिवार और दोस्तों से दूर रहना या सामाजिक समर्थन की कमी भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
  4. हिंसा और दुर्व्यवहार: घरेलू हिंसा, शारीरिक या यौन शोषण, और उत्पीड़न का शिकार होना मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा नकारात्मक प्रभाव डालता है।
  5. लत और बीमारी: नशीले पदार्थों का सेवन और गंभीर शारीरिक बीमारियां (जैसे कैंसर, एड्स) भी अवसाद और आत्महत्या के जोखिम को बढ़ाती हैं।

क्या हैं बचाव के उपाय?

मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाना और इसे कलंक (stigma) से मुक्त करना सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, लोगों को यह समझने की जरूरत है कि मानसिक बीमारी कोई कमजोरी नहीं है और मदद लेना शर्म की बात नहीं है।

  • पेशेवर मदद लें: तनाव या अवसाद के लक्षण दिखने पर तुरंत किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें।
  • सहानुभूति दिखाएं: यदि आपका कोई दोस्त या परिवार का सदस्य मानसिक तनाव में है, तो उसे अकेला न छोड़ें। सहानुभूति दिखाएं और उससे खुलकर बात करें।
  • जागरूकता बढ़ाएं: मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी फैलाएं और लोगों को इसके लक्षणों और उपचार के बारे में बताएं।

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