भारत में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है। शादी के बाद पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक बन जाते हैं। लेकिन दुनिया भर में आजकल शादियों को कई तरह से देखा जाने लगा है। हाल के दिनों में जापान में एक नया रिलेशनशिप ट्रेंड सामने आया है, जिसकी खूब चर्चा हो रही है। इस ट्रेंड को मैरिज ग्रेजुएशन (Marriage Graduation) का नाम दिया गया है।
ये ट्रेंड पारंपरिक शादी के रिश्तों को एक नए नजरिए से देखने की कोशिश है। इसे तलाक का ऑप्शन भी माना जा रहा है। हालांकि, ये कोई नया ट्रेंड नहीं है, बल्कि इसकी शुरुआत साल 2000 में हुई थी। आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको मैरिज ग्रेजुएशन के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
जापान में रिश्तों को लेकर एक नया और अनोखा ट्रेंड तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, जिसे मैरिज ग्रेजुएशन (Marriage Graduation) कहा जा रहा है। इस कॉन्सेप्ट ने पारंपरिक शादी और तलाक की सोच को बिल्कुल नया नजरिया दिया है। Marriage Graduation में पति-पत्नी आपसी सहमति से यह फैसला लेते हैं कि अब वे अपनी-अपनी जिंदगी अलग जीएंगे। यह तलाक (Divorce) जैसा कानूनी या भावनात्मक रूप से बोझिल कदम नहीं होता, बल्कि एक समझौता होता है जिसमें दोनों पार्टनर सम्मान और सहजता से अलग होने का रास्ता चुनते हैं।
जापानी समाजशास्त्रियों के अनुसार, यह ट्रेंड इसलिए लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि कई कपल्स अब रिश्तों में तनाव, कोर्ट केस और सामाजिक दबाव से बचना चाहते हैं। इसमें शादी को “समाप्त” नहीं बल्कि “पूरा किया गया चरण” मानकर आगे बढ़ा जाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह ट्रेंड न केवल रिश्तों में सकारात्मकता लाता है, बल्कि कपल्स को भविष्य की ओर बिना किसी कटुता के आगे बढ़ने का मौका भी देता है। हालांकि, दुनिया के अन्य देशों में इसे अपनाना आसान नहीं होगा क्योंकि वहां तलाक को लेकर अलग-अलग सांस्कृतिक और कानूनी चुनौतियां मौजूद हैं।
मैरिज ग्रेजुएशन vs तलाक
तलाक और मैरिज ग्रेजुएशन दोनों ही शादी को खत्म करने के तरीके हैं, लेकिन इनमें बहुत बड़ा फर्क है। तलाक एक कानूनी प्रक्रिया होती है, जो अक्सर बहुत मुश्किल और तनाव भरी होती है। इसमें पति-पत्नी अलग हो जाते हैं और उनका रिश्ता पूरी तरह खत्म हो जाता है। जबकि मैरिज ग्रेजुएशन में रिश्ता खत्म नहीं होता, बल्कि उसे एक नया नाम दे दिया जाता है। ये आपसी सहमति से होता है।
इस तरह रह सकते हैं पति-पत्नी
इसमें पति-पत्नी अब पति-पत्नी की तरह नहीं रहते, बल्कि दोस्त या रूममेट्स की तरह रह सकते हैं। कुछ लोग एक ही घर में अलग-अलग रहकर अपनी जिम्मेदारियां खुद उठाते हैं। तो वहीं कुछ लोग अलग-अलग घरों में रहने लगते हैं, लेकिन फिर भी मिलते-जुलते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। मैरिज ग्रेजुएशन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसके लिए किसी वकील या कोर्ट की जरूरत नहीं होती है। ये तलाक से बहुत आसान होता है।