बिहार की राजनीति के करिश्माई नेता और अपनी खास भाषण शैली के लिए मशहूर लालू प्रसाद यादव का आज जन्मदिन है। सामाजिक न्याय की राजनीति को नई दिशा देने वाले लालू यादव की जिंदगी का एक दिलचस्प किस्सा आज भी लोगों को हैरान कर देता है – अगर किस्मत साथ देती, तो वे आज पुलिस में सिपाही होते, न कि देश की राजनीति का बड़ा नाम।
बताया जाता है कि राजनीति में आने से पहले लालू यादव ने भी नौकरी की तलाश की थी। वह सिपाही भर्ती परीक्षा देने गए थे और उन्होंने पूरी मेहनत से तैयारी भी की थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था – वह भर्ती पास नहीं हो सके।
यह एक फेल्योर था, लेकिन इसी मोड़ ने लालू यादव की किस्मत पलट दी। इसी दौरान उनका रुझान छात्र राजनीति की ओर हुआ और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने छात्र संघ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहीं से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा जो उन्हें देश के रेल मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री जैसे बड़े पदों तक लेकर गई।
आज भले ही लालू यादव सक्रिय राजनीति से थोड़े दूर हों, लेकिन उनका राजनीतिक प्रभाव और शैली अब भी चर्चा में रहती है। उनके समर्थकों के लिए वह ‘मसीहा’ हैं और उनके विरोधियों के लिए एक चुनौती।
पटना में पूर्व मुख्यमंत्री रबड़ी देवी के आवास पर 78 पाउंड का केक काटकर लालू यादव के जन्मदिन का जश्न मनाया गया. पूरे बिहार में विविध कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी है. ऐसे में बात लालू यादव से जुड़े किस्सों की भी हो रही है।
उनके जन्मदिन पर सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं की बाढ़ आ गई है और लोग उस किस्से को याद कर रहे हैं – “…अगर सिपाही भर्ती में पास हो जाते, तो लालू यादव शायद कभी नेता नहीं बनते!”