घुटनों की समस्या अब सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रही। बदलती जीवनशैली और युवावस्था में की गई कुछ आम गलतियां भविष्य में घुटनों की सेहत पर भारी पड़ सकती हैं। असमय घुटनों में दर्द, सूजन, अकड़न और चलने-फिरने में दिक्कत अब 30 से 40 की उम्र में ही दिखने लगी है।
जवानी में की गई गलतियां जो घुटनों पर डालती हैं असर:
- बार-बार सीढ़ियों का अत्यधिक इस्तेमाल – घुटनों पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाता है।
- अनावश्यक वर्कआउट या गलत एक्सरसाइज फॉर्म – खासकर स्क्वाट्स और रनिंग बिना गाइडेंस के।
- ओवरवेट या मोटापा – घुटनों पर भार बढ़ाता है और कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाता है।
- लंबे समय तक बैठना (Sedentary lifestyle) – रक्त प्रवाह कम करता है, जोड़ों को जाम करता है।
- फुटवियर की लापरवाही – सस्ते या असमर्थक जूते घुटनों के संरेखण (alignment) को बिगाड़ सकते हैं।
लक्षण जो इशारा करते हैं कि आपके घुटने खतरे में हैं:
- घुटनों में अकड़न या जकड़न
- सीढ़ियां चढ़ने में दर्द
- चलने या दौड़ने में आवाज आना
- सूजन या लालिमा
- सुबह उठते समय घुटनों में जामपन
घुटनों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के जरूरी उपाय:
- वजन नियंत्रित रखें – BMI 25 से नीचे रखना घुटनों की रक्षा करता है।
- स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें – जांघों (थाईज़) और पिंडलियों (काफ) की मांसपेशियों को मजबूत करें।
- योग और स्ट्रेचिंग – घुटनों को लचीला और सक्रिय रखने में सहायक।
- फिजियोथेरेपिस्ट से समय-समय पर परामर्श लें
- हल्दी, अदरक और ओमेगा-3 युक्त भोजन लें – ये सूजन कम करते हैं।
- पानी अधिक पिएं – जोड़ों को चिकनाई (lubrication) देने में मदद करता है।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट टहलें – Low-impact वॉकिंग फायदेमंद होती है।
- आरामदायक और सहायक जूते पहनें
घुटनों की समस्याएं अचानक नहीं होतीं, बल्कि ये वर्षों की लापरवाही का नतीजा होती हैं। अगर अभी से सतर्क नहीं हुए, तो भविष्य में घुटनों की सर्जरी या रिप्लेसमेंट तक की नौबत आ सकती है। इसलिए, आज से ही अपनाएं सही जीवनशैली और अपने घुटनों को दें वह देखभाल, जो वे डिज़र्व करते हैं।