ईरान और इजरायल के बीच लगातार 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद अमेरिका और कतर की मध्यस्थता से सीजफायर हो चुका है. सीजफायर के ऐलान से ठीक पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला ख़ामेनेई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया और लिखा कि हमने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है। हम किसी भी परिस्थिति में किसी से कोई उत्पीड़न स्वीकार नहीं करेंगे और हम किसी के आगे नहीं झुकेंगे. ये ईरानी राष्ट्र का तर्क है।
एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान किया है तो दूसरी तरफ ईरान ने मंगलवार (24 जून 2025) को इजरायल पर फिर से बैलिस्टिक मिसाइल दाग दी हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने बताया है कि मंगलवार सुबह ईरान से इजरायल पर दो बार में छह मिसाइलें दागी हैं. पहले हमले में दो मिसाइलें शामिल थीं, जबकि दूसरे हमले में चार मिसाइलें थीं. दूसरे हमले में बीरशेबा स्थित एक अपार्टमेंट ब्लॉक को निशाना बनाया गया है. ईरान की ओर से बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किए जाने के बाद उत्तर, मध्य और दक्षिणी इजरायल के कुछ इलाकों में सायरन बजने लगे।
इजरायल ने जहां सीजफायर पर औपचारिक सहमति जताई, वहीं ईरान की ओर से एक के बाद एक हमले जारी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीजफायर की घोषणा के एक घंटे के अंदर ईरानी बलों ने कई बार मिसाइल अटैक किए। इससे पश्चिम एशिया में तनाव और बढ़ गया है।
ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई ने सीजफायर से ठीक पहले एक कड़ा बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “ईरान किसी के आगे नहीं झुकेगा और उत्पीड़न को स्वीकार नहीं करेगा।” खामनेई ने यह भी साफ कर दिया कि ईरान अपनी रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका समेत दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने भी संयम बरतने की अपील की है, लेकिन जमीनी हकीकत में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। विशेषज्ञों के अनुसार, यह टकराव एक बार फिर पश्चिम एशिया में बड़े संघर्ष को जन्म दे सकता है, जिसकी वैश्विक असर से इंकार नहीं किया जा सकता।