पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता जा रहा है, इसी बीच इरान और इज़राइल को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव चरम पर पहुंच चुका है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार (16 जून 2025) को कहा कि ईरान की संसद एक बिल तैयार कर रही है, ताकि परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकल सकें, हालांकि ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने कहा कि हम परमाणु हथियार बनाने के पक्षधर नहीं हैं।
इसी बीच ईरान ने अब परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने और परमाणु हथियार विकसित करने का बड़ा संकेत दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल और ईरान के बीच टकराव की स्थिति लगातार गहराती जा रही है।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी रणनीतिक सलाहकारों ने चेतावनी दी है कि यदि वैश्विक दबाव और इजरायल की धमकियां बढ़ती रहीं, तो ईरान NPT से बाहर होकर परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाएगा।
तनाव की पृष्ठभूमि:
- पिछले कुछ महीनों से ईरान और इजरायल के बीच छाया युद्ध (shadow war) की स्थिति बनी हुई है।
- सीरिया, लेबनान और गाजा में फैले ईरान समर्थित गुटों और इजरायली सेना के बीच लगातार झड़पें हो रही हैं।
- हाल ही में इजरायल ने दावा किया था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम “खतरे की सीमा” तक पहुंच चुका है।
NPT से हटने का क्या मतलब होगा?
- NPT (Non-Proliferation Treaty) एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए बनाई गई है।
- यदि ईरान इससे बाहर निकलता है, तो वह खुले तौर पर परमाणु हथियार बना सकता है।
- इससे न केवल मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ेगा, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी संकट मंडराने लगेगा।
ईरान का पक्ष:
ईरानी अधिकारियों का कहना है कि पश्चिमी देश और इजरायल खुद परमाणु हथियार रखते हैं, ऐसे में सिर्फ ईरान पर प्रतिबंध और संदेह दोहरे मापदंड को दर्शाता है। ईरान ने यह भी आरोप लगाया कि IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी) की निगरानी भी पक्षपातपूर्ण रही है।
- अमेरिका और यूरोपीय संघ ने ईरान को “खतरनाक दिशा” में न जाने की चेतावनी दी है।
- वहीं इजरायल ने स्पष्ट कहा है कि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने की ओर बढ़ा, तो वह सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा।
वही उनका यह बयान मध्य पूर्व को कभी भी युद्ध की आग में झोंक सकता है। आने वाले हफ्ते बेहद संवेदनशील और निर्णायक साबित हो सकते हैं, खासकर जब अंतरराष्ट्रीय दबाव और क्षेत्रीय अस्थिरता चरम पर है।