भारत ने आतंकवाद को लेकर तुर्किए (पूर्व में तुर्की) को दो टूक चेतावनी दी है और साफ कहा है कि वह पाकिस्तान को यह संदेश दे कि आतंकवाद का समर्थन बंद करे। भारत ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब पाकिस्तान लगातार आतंकियों को शरण और समर्थन देने के आरोपों से घिरा हुआ है और तुर्किए अक्सर पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा नजर आता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
“अगर तुर्किए वास्तव में क्षेत्र में शांति चाहता है, तो उसे पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह आतंकियों को समर्थन देना बंद करे। भारत आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है और इसी उम्मीद की जाती है कि दूसरे देश भी आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं।”
तुर्किए की पाकिस्तान से नजदीकी पर भारत की कड़ी नजर
तुर्किए कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, विशेषकर जम्मू-कश्मीर के मसले पर। भारत ने स्पष्ट किया है कि तुर्किए को क्षेत्रीय स्थिरता की चिंता है तो उसे पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह देनी चाहिए, न कि भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करनी चाहिए।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं
भारत ने एक बार फिर यह दोहराया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा, चाहे वह किसी भी देश से हो। केंद्र सरकार लगातार आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठा रही है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी यही अपेक्षा की जाती है कि वह दोहरे मापदंड न अपनाए।
सुरक्षा विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का यह रुख बेहद जरूरी और उचित है। दक्षिण एशिया में शांति तभी संभव है जब आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों पर दबाव बनाया जाए और उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग किया जाए।
भारत ने तुर्किए को स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि अगर वह वाकई शांति चाहता है तो उसे पाकिस्तान की आतंकी नीति के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ कड़ी और साफ नीति को दर्शाता है, जो किसी भी रूप में आतंक के लिए जगह नहीं छोड़ती।