भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अब वह केवल प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि प्रोएक्टिव स्ट्राइक की नीति पर विश्वास करता है। ताजा घटनाक्रम में भारतीय खुफिया एजेंसियों और सेना की संयुक्त कार्यवाही ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर सर्जिकल प्रिसिजन से हमला किया है, जो इजरायल की सैन्य रणनीति की तर्ज़ पर माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण शिविरों की सटीक जानकारी खुफिया तंत्र ने पहले ही इकट्ठा कर ली थी। टारगेट लॉक होने के बाद अत्याधुनिक मिसाइलों और ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से उनपर सटीक हमले किए गए। इन हमलों में कई आतंकी कमांडर मारे जाने की खबर है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
इजरायली रणनीति: ‘हिट वेयर इट हर्ट्स’
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब “इजरायली डॉक्ट्रिन” की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जहां दुश्मन की जमीन पर घुसकर, सीमित समय में, बिना किसी नुकसान के ऑपरेशन अंजाम दिए जाते हैं। इजरायल की नीति हमेशा रही है कि जो देश उसके नागरिकों या सैनिकों पर हमला करता है, उसे तुरंत और मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। भारत की यह रणनीति अब इसी राह पर दिख रही है।
पुलवामा से उरी और अब यह…
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अपने सैनिकों की शहादत का जवाब सीमा पार जाकर दिया हो। 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक ने दुनिया को दिखा दिया था कि भारत अब चुप नहीं बैठने वाला। हालिया हमले उसी नीति का विस्तार माने जा रहे हैं।
पाकिस्तान की बौखलाहट
पाकिस्तानी मीडिया में इस हमले को लेकर खलबली मची हुई है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि PoK में सेना की तैनाती बढ़ा दी गई है और हवाई निगरानी तेज़ कर दी गई है। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत के इस कदम ने वहां चिंता की लहर दौड़ा दी है।
भारत की यह नई रणनीति केवल आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का जरिया नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश है अब अगर देश पर कोई आंख उठाएगा, तो जवाब सीमा के भीतर नहीं, सीमा के पार मिलेगा और वो भी इजरायली अंदाज़ में!