जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत और रूस के बीच कूटनीतिक स्तर पर बड़ा संदेश सामने आया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत कर हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को हरसंभव समर्थन देने की बात कही।
इस बातचीत में पुतिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है।” उन्होंने पहलगाम में हुई इस बर्बर घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि इस तरह की हिंसात्मक घटनाएं मानवता के खिलाफ हैं और इनका पूरी तरह से खात्मा किया जाना चाहिए।
मोदी-पुतिन वार्ता में क्या हुआ?
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच यह बातचीत द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करने के इरादे से हुई थी, लेकिन हालिया आतंकी हमले ने इसे और अधिक संवेदनशील बना दिया। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में हो रहे आतंकी हमलों, खासकर कश्मीर घाटी में हो रही घटनाओं की जानकारी साझा की। पुतिन ने इस पर भारत को भरोसा दिलाया कि रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में तकनीकी, सामरिक और खुफिया मदद देने को तैयार है।
कूटनीतिक संकेत क्या हैं?
विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन का यह बयान सिर्फ एक औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत-रूस की आतंकवाद विरोधी साझेदारी को दर्शाता है। ऐसे समय में जब भारत संयुक्त राष्ट्र में आतंकवादी संगठनों पर कड़ा रुख अपनाने की मांग कर रहा है, रूस का यह समर्थन भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूती देता है।
पहलगाम हमला: एक नजर
हाल ही में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर पहलगाम के पास आतंकियों ने सुरक्षा बलों और यात्रियों को निशाना बनाते हुए एक घातक हमला किया था, जिसमें कई जवान शहीद हुए और कई श्रद्धालु घायल हुए। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों की मांग तेज़ हो गई है।
रूस का भारत को दिया गया समर्थन केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि एक सामरिक संदेश भी है कि वैश्विक मंच पर भारत अकेला नहीं है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में भारत-रूस इस मोर्चे पर किस तरह की रणनीतिक साझेदारियों की घोषणा करते हैं।