भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस साल के मानसून सीज़न को लेकर बड़ी और राहतभरी घोषणा की है। ताज़ा अपडेट में बताया गया है कि 2025 में देश में सामान्य से बेहतर मानसून की उम्मीद है, जो सामान्य के 105% तक वर्षा ला सकता है। किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए यह किसी खुशखबरी से कम नहीं है।
अल नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार अल नीनो का असर बहुत कमज़ोर रहेगा या समाप्त हो सकता है, जिससे मानसून पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके उलट, मानसून की शुरुआत और प्रसार सामान्य समय पर और संतुलित तरीके से होने की संभावना है।
कृषि क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण
देश का एक बड़ा हिस्सा खेती पर निर्भर है और मानसून की स्थिति फसलों की सफलता में अहम भूमिका निभाती है। पिछले सालों में बारिश की अस्थिरता से किसान परेशान थे, लेकिन इस बार की भविष्यवाणी ने किसानों में नई ऊर्जा और उम्मीद भर दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश इस अनुमान के अनुसार होती है, तो धान, दलहन, तिलहन और अन्य खरीफ फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी।
कहाँ कितनी बारिश की संभावना?
- उत्तर भारत: सामान्य से थोड़ी अधिक
- पूर्वी और पूर्वोत्तर: सामान्य स्तर की बारिश
- दक्षिण भारत और पश्चिमी क्षेत्र: औसत से अधिक बारिश की संभावना
क्या बोले मौसम वैज्ञानिक?
इस बार मानसून 105% तक पहुंचने की संभावना है, जो कृषि और जल आपूर्ति दोनों के लिए बेहद सकारात्मक संकेत है। 2025 का मानसून सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था और आम लोगों के लिए सुकून और समृद्धि लेकर आ सकता है। सरकार और किसान अब इस अनुमान के आधार पर रणनीति बना सकते हैं ताकि बारिश का भरपूर लाभ उठाया जा सके।