देश के कई राज्यों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। उत्तर भारत, खासकर दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार में भीषण गर्मी ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस चिलचिलाती गर्मी में हीट स्ट्रोक (लू लगना) एक जानलेवा स्थिति बन चुकी है।
डॉक्टर्स की मानें तो लू लगने की स्थिति में अगर तुरंत इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है, यहां तक कि जान भी जा सकती है।
हीट स्ट्रोक क्या है?
हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 40°C (104°F) या उससे ज्यादा हो जाता है और शरीर पसीने के ज़रिए खुद को ठंडा नहीं कर पाता। यह हालत बेहद खतरनाक होती है।
हीट स्ट्रोक के लक्षण:
- चक्कर आना या बेहोशी
- तेज़ बुखार
- तेज़ सिरदर्द
- त्वचा का लाल होना और सूखा लगना
- उल्टी या मितली
- तेज़ हृदयगति
डॉक्टर क्या कहते हैं?
डॉ. अमित सिंह (जनरल फिजिशियन, AIIMS) के मुताबिक, “हीट स्ट्रोक का इलाज जितना जल्दी हो उतना बेहतर है। देरी जानलेवा हो सकती है।”
लू लगने पर तुरंत क्या करें:
- व्यक्ति को ठंडी जगह पर ले जाएं।
- ढीले और हल्के कपड़े पहनाएं।
- ठंडे पानी की पट्टियां माथे, गर्दन और हाथ-पैर पर रखें।
- अगर होश में हो, तो ORS या नींबू पानी दें।
- बेहोशी या उल्टी की स्थिति में तुरंत अस्पताल ले जाएं।
कैसे बचें हीट स्ट्रोक से:
- दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर जाने से बचें
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें
- पानी, छाछ, नारियल पानी और ORS लेते रहें
- सिर ढककर बाहर निकलें
- बुजुर्गों और बच्चों का खास ध्यान रखें