हरियाणा सरकार ने एक सराहनीय कदम उठाते हुए शहीद सैनिकों और पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।
सीएम सैनी ने बताया कि इस निर्णय के तहत शहीद जवानों के बच्चों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह स्कॉलरशिप स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा तक की पढ़ाई के लिए लागू होगी। सरकार का उद्देश्य यह है कि देश की रक्षा में शहीद होने वाले वीर सपूतों के परिवारों को सम्मान दिया जाए और उनके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके।
हरियाणा सरकार ने युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति को योजना को लागू करने की मंजूरी दे दी है. गुरुवार (26 जून) को हरियाणा कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है. प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट की अहम बैठक में प्रदेशवासियों के हित में कई फैसले लिए गए हैं. इसमें 32 जन कल्याणकारी प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा, ”हमारी सरकार ने जो संकल्प पत्र में भी कहा था कि जो युद्ध में शहीद हुए हैं, ऐसे सैनिक और अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों को छठी से 12वीं क्लास तक 60 हजार रुपए स्कॉलरशिप देंगे. ग्रेजुएट स्तर पर 72,000 रुपये और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर 96,000 रुपये वार्षिक स्कॉलरशिप देंगे. इसका जिक्र हमने अपने संकल्प पत्र में भी किया था और इसे पूरा करने की बात कही थी.”
किन्हें मिलेगा लाभ?
- योजना का लाभ केवल हरियाणा राज्य के मूल निवासियों को मिलेगा।
- स्कॉलरशिप उन परिवारों को दी जाएगी जिनके सदस्य ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हों — चाहे वे आर्मी, एयरफोर्स, नेवी या राज्य पुलिस बल से जुड़े हों।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, “यह हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि जो लोग देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं, उनके परिवार को हरसंभव सहायता दी जाए। यह योजना न केवल सम्मान का प्रतीक है, बल्कि एक मजबूत भविष्य निर्माण की दिशा में कदम है।”
हरियाणा सरकार पहले से ही शहीदों के परिजनों को नौकरी, मकान और अन्य आर्थिक मदद देती रही है। अब स्कॉलरशिप योजना से इन परिवारों को शिक्षा के क्षेत्र में भी मजबूती मिलेगी।