गणेश चतुर्थी 2025 का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया गया। इसी कड़ी में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर पुणे में गणपति बप्पा के विसर्जन के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान पुणे के सबसे प्रतिष्ठित और हिंदुस्तान के पहले सार्वजनिक गणपति, श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति का विसर्जन भी काफी धूमधाम से किया गया।
श्रद्धा और भक्ति के इस महापर्व पर पुणे की सड़कें गणपति बप्पा के जयकारों से गूंज उठीं। हजारों की संख्या में भक्तगण अपने प्रिय बप्पा को विदाई देने के लिए एकत्र हुए। इस अवसर पर डीसीपी कृशिकेश ने पूजा-अर्चना की और शोभायात्रा में शामिल हुए।
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति मंडल ने हमेशा की तरह इस वर्ष भी विसर्जन को एक भव्य आयोजन का रूप दिया। रंग-बिरंगी झांकियों, ढोल-ताशों की गूंज और लेजर शो ने विसर्जन के माहौल को और भी मनमोहक बना दिया।
यह विसर्जन न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव भी था, जिसमें पुणे की समृद्ध परंपरा और भाईचारे की झलक देखने को मिली। भक्तों ने अगले साल बप्पा के आगमन की कामना करते हुए नम आंखों से उन्हें विदाई दी।
इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि विसर्जन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। पुणे पुलिस और प्रशासन ने विसर्जन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए।
गणेश विसर्जन के साथ ही गणेश चतुर्थी 2025 के पर्व का समापन हो गया, लेकिन बप्पा की भक्ति और उत्साह की लहर अभी भी लोगों के दिलों में कायम है।