भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। इसी बीच, गृह मंत्रालय ने देशभर के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को “विशेष अलर्ट” जारी करते हुए, इमरजेंसी पावर यानी आपातकालीन शक्तियों के प्रयोग की अनुमति देने की बात कही है। मंत्रालय का यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ी रणनीतिक तैयारी के संकेत देता है।
राज्यों को क्या निर्देश दिए गए हैं?
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि:
- सभी राज्यों को कड़ी निगरानी व्यवस्था लागू करनी होगी
- संवेदनशील इलाकों में धारा 144 लागू करने की तैयारी की जाए
- सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों, परिवहन हब और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ाई जाए
- इंटरनेट पर भी नियंत्रण रखने के लिए तैयार रहें — खासकर अफवाहों और भड़काऊ कंटेंट को रोकने के लिए
- आवश्यकता पड़ने पर इमरजेंसी पावर का प्रयोग कर कानून व्यवस्था कायम रखी जाए
क्या युद्ध की स्थिति है?
हालांकि आधिकारिक तौर पर भारत सरकार ने युद्ध जैसी किसी स्थिति की घोषणा नहीं की है, लेकिन LoC (लाइन ऑफ कंट्रोल) पर सेना की गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के बीच लगातार समन्वय बैठकों का दौर जारी है। सुरक्षा बलों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और सीमा पर भारी तैनाती की जा रही है।
इंटेलिजेंस इनपुट में क्या कहा गया है?
सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन भारत के बड़े शहरों में हमले की योजना बना सकते हैं। इसी इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने राज्यों से सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इमरजेंसी प्लान में स्वास्थ्य और संचार भी शामिल
गृह मंत्रालय के निर्देश में यह भी कहा गया है कि:
- अस्पतालों को एमरजेंसी मोड पर तैयार रहने के निर्देश
- मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाओं को लेकर टेलीकॉम कंपनियों को अलर्ट
- आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति पर विशेष ध्यान रखने की सलाह
भारत-पाक तनाव के बीच गृह मंत्रालय का यह कदम यह साफ संकेत देता है कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। जनता से भी अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें, सोशल मीडिया पर संयम बरतें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस या प्रशासन को दें। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और ऐसे समय में सभी नागरिकों को मिलकर एकजुट रहना होगा।