हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में इंदिरा एकादशी और पापांकुशा एकादशी का व्रत क्रमशः 17 सितंबर और 3 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ये दोनों एकादशियाँ आध्यात्मिक शुद्धि और पितृ दोष निवारण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
इंदिरा एकादशी 2025
- तिथि: बुधवार, 17 सितंबर 2025
- एकादशी तिथि आरंभ: 16 सितंबर, रात 8:51 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 17 सितंबर, रात 8:09 बजे
- पारण (व्रत खोलने का समय): 18 सितंबर, सुबह 7:23 बजे से 9:52 बजे तक
इंदिरा एकादशी अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में आती है और पितृ पक्ष के दौरान मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और व्रती को पुण्य लाभ मिलता है। श्रद्धालु भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और पितरों के लिए तर्पण एवं पिंडदान करते हैं।
पापांकुशा एकादशी 2025
- तिथि: शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025
- एकादशी तिथि आरंभ: 2 अक्टूबर, सुबह 8:40 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 3 अक्टूबर, सुबह 8:02 बजे
- पारण (व्रत खोलने का समय): 4 अक्टूबर, सुबह 7:15 बजे से 9:34 बजे तक
पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन व्रत रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। श्रद्धालु भगवान पद्मनाभ (विष्णु) की पूजा करते हैं और व्रत का पालन करते हैं।
व्रत विधि और पूजन
- स्नान: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा: भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीपक जलाएं, पुष्प अर्पित करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- व्रत: दिनभर उपवास रखें और रात्रि में जागरण करें।
- दान: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें
आध्यात्मिक महत्व
इंदिरा एकादशी पितृ दोष निवारण के लिए महत्वपूर्ण है, जबकि पापांकुशा एकादशी आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए मानी जाती है। दोनों एकादशियाँ व्रत, पूजा और दान के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती हैं।