राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पर एक बार फिर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और इसने खतरे के निशान को पार कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, अगले 48 घंटों में दिल्ली में स्थिति गंभीर हो सकती है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, पुराने रेलवे पुल (लोहा पुल) पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर चला गया है। यह चेतावनी स्तर (204.50 मीटर) से भी काफी अधिक है। बताया जा रहा है कि ऊपरी इलाकों, विशेषकर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
दिल्ली सरकार और प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। यमुना किनारे बसे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है और उनके लिए राहत शिविर बनाए जा रहे हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
यह तीसरी बार है जब इस मॉनसून में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ने का सिलसिला जारी रहा और दिल्ली में भी बारिश होती रही, तो कई निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं।