दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे राजधानी में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले करीब 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाया है।
बढ़ता जलस्तर, गहराता संकट
यमुना नदी का जलस्तर आज सुबह 206.85 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर है। आशंका है कि जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। पिछले साल 2023 में जब जलस्तर 208 मीटर के पार गया था, तब दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। इसी को देखते हुए प्रशासन ने पहले ही एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
निचले इलाके जलमग्न, बचाव कार्य जारी
यमुना बाजार, मजनू का टीला और बुराड़ी जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। कई घरों के निचले हिस्से पानी में डूब चुके हैं और सड़कें जलमग्न हैं। प्रशासन की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य में जुटी हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ-साथ भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता भी मुहैया कराई जा रही है।
यातायात और ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित
बढ़ते जलस्तर के कारण यमुना पर बने पुराने रेलवे पुल को यातायात और ट्रेनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। इससे शास्त्री पार्क और गांधी नगर रोड पर यातायात का दबाव बढ़ गया है। दिल्ली-एनसीआर में भी भारी बारिश और जलभराव के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है।
सरकार और प्रशासन हाई अलर्ट पर
दिल्ली सरकार और प्रशासन हाई अलर्ट पर हैं। सिंचाई और बाढ़ विभाग के मंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है और अधिकारियों को 24 घंटे निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित लोगों को हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है। पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी बारिश को देखते हुए भी प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है, क्योंकि वहां से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंच सकता है।