केंद्र सरकार ने आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़ों को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति (CCPA) की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस निर्णय को सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज आयोजित सीसीपीए की बैठक में आगामी जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने का निर्णय लेकर सामाजिक समानता और हर वर्ग के अधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता का संदेश दिया गया है।”
इस निर्णय के बाद, विपक्षी दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “हम इस फैसले का स्वागत करते हैं क्योंकि यह हमारी लंबे समय से मांग थी। इसके पीछे बिहार चुनाव ही एकमात्र मकसद होना च
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने भी इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि आगामी जनगणना में जाति गणना को भी शामिल किया जाना चाहिए। इससे पता चलता है कि मौजूदा सरकार सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।” इस निर्णय के बाद, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रतिक्रिया देने की घोषणा की है। वह आज शाम 7 बजे जाति जनगणना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
इससे पहले, अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि भाजपा ने कभी जाति आधारित जनगणना के विचार का विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा था, “हम राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं। वोटों की राजनीति नहीं करते हैं। सभी से चर्चा करके, जो उचित निर्णय होगा, उसे हम जरूर करेंगे, लेकिन इसके आधार पर चुनाव की नैया पार लगाना ठीक नहीं है।” इस निर्णय को सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का यह कदम आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।