उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में गुरुवार तड़के भीषण सड़क हादसा हुआ। दरभंगा (बिहार) से दिल्ली जा रही एक स्लीपर बस आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर रेलिंग तोड़कर नीचे गिर गई। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 50 यात्री घायल हो गए। घायलों को सैफई स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS) में भर्ती कराया गया है, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कैसे हुआ हादसा?
- यह दर्दनाक दुर्घटना सुबह 4 बजे के आसपास हुई जब बस इटावा जिले के हवेलिया गांव के पास तेज रफ्तार में चल रही थी।
- बताया जा रहा है कि ड्राइवर को झपकी आने की वजह से बस नियंत्रण खो बैठा और डिवाइडर से टकराते हुए रेलिंग तोड़कर करीब 15 फीट नीचे गिर गई।
- बस में कुल 60 से ज्यादा यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकतर बिहार से दिल्ली काम के सिलसिले में या इलाज के लिए जा रहे थे।
प्रशासन की तत्परता
- स्थानीय पुलिस और हाईवे पेट्रोलिंग टीम मौके पर तुरंत पहुंच गई।
- 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सैफई रेफर किया गया।
- जिला प्रशासन के अनुसार, गंभीर रूप से घायल यात्रियों का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है।
मौके पर मौजूद चश्मदीद का बयान
“हम लोग गहरी नींद में थे, अचानक जोर का झटका लगा और सब कुछ अंधेरा हो गया। किसी को कुछ समझ नहीं आया। जब होश आया तो देखा कि बस पलटी हुई थी और लोग चीख-पुकार कर रहे थे।” — बस में सवार एक यात्री।
बस की स्थिति
- बस बिहार के दरभंगा जिले से चली थी और दिल्ली के आनंद विहार जा रही थी।
- यह एक प्राइवेट ऑपरेटर की स्लीपर कोच बस थी, जिसमें ऊपरी और निचली बर्थ की व्यवस्था थी।
जांच के आदेश
- जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
- प्रारंभिक जांच में चालक को झपकी आने को ही हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है।
- बस की फिटनेस और ड्राइवर की शिफ्ट ड्यूटी को लेकर भी जांच होगी।
सरकार और परिवहन विभाग की ओर से अपील
उत्तर प्रदेश और बिहार के परिवहन विभाग ने लंबी दूरी की बसों के संचालन में अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। ड्राइवरों को पर्याप्त आराम देने और रात के समय दो ड्राइवरों की व्यवस्था करने के सुझाव फिर से दोहराए गए हैं।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुई यह दुर्घटना एक बार फिर हाईवे सुरक्षा और स्लीपर बसों के संचालन को लेकर सवाल खड़े करती है। यह हादसा न केवल मानव चूक का नतीजा है बल्कि लंबे रूट पर बिना ब्रेक के यात्रा कर रहे चालकों की थकान का दुष्परिणाम भी है। प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि जांच के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।