बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद, इस बार गठबंधन के सभी घटक दल अपनी-अपनी ताकत का दावा पेश कर रहे हैं, जिससे सीट-बंटवारे का गणित जटिल होता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, NDA के भीतर एक संभावित फॉर्मूला पर चर्चा चल रही है, जिसके तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि JDU 102 सीटों पर, जबकि BJP 101 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
इस बीच, गठबंधन के छोटे घटक दलों ने अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग करके चुनौती बढ़ा दी है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) (LJP-RV) ने लोकसभा चुनाव में मिली शानदार सफलता के बाद विधानसभा चुनाव के लिए भी अधिक सीटों की मांग की है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM-S) भी अपनी सीटों की संख्या 20 तक करने की मांग कर रही है। उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) भी एक सम्मानजनक संख्या की उम्मीद कर रही है।
इन मांगों ने JDU और BJP के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि उन्हें अपने बड़े हिस्से में से इन छोटे दलों को समायोजित करना होगा। पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में, चिराग पासवान की पार्टी ने NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा था, जिससे JDU को भारी नुकसान हुआ था। उस अनुभव को देखते हुए, भाजपा और JDU दोनों ही चिराग पासवान को साथ बनाए रखना चाहते हैं।
माना जा रहा है कि सीटों के अंतिम बंटवारे की घोषणा जल्द ही की जा सकती है, लेकिन सभी घटक दलों को संतुष्ट करना NDA के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित होगी।