500 वर्षों की प्रतीक्षा और संघर्ष के बाद राम मंदिर पर धर्मध्वजा का आरोहण केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सनातन आस्था की वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रतीक बन गया है। अवधपुरी के संत इसे सनातन गौरव का ऐतिहासिक क्षण मानते हैं, जो सदियों की साधना, धैर्य और संघर्ष का परिणाम है।
संतों का कहना है कि यह वही दिव्य पल है जिसकी कल्पना उनके पूर्वजों ने की थी। धर्मध्वजा का आरोहण भारत की आध्यात्मिक विरासत को और मजबूत कर विश्व में सनातन संस्कृति की महिमा स्थापित करता है।
वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हैं। डबल इंजन सरकार द्वारा मंदिर संस्कृति, धार्मिक स्थलों के विकास और संत सम्मान को नई दिशा दी गई है।
राम वैदेही मंदिर के संत दिलीप दास ने अयोध्या मिशन को सनातन संस्कृति के पुनरुद्धार का उत्कृष्ट उदाहरण बताया और CM योगी को धर्म परंपरा का प्रहरी कहा।
विवाह पंचमी पर आयोजित समारोह में राम-जानकी विवाह पर्व का भी पूजन हुआ। संत समाज मानता है कि यह क्षण भारत के उज्ज्वल भविष्य और सनातन समाज के आत्मगौरव का शंखनाद है।

