प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में अब आस्था और मर्यादा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। अयोध्या नगर निगम ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘राम पथ‘ के 14 किलोमीटर क्षेत्र में मांस, शराब, बीड़ी-सिगरेट समेत सभी नशीले और तामसिक पदार्थों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
नगर निगम की हालिया बैठक में पारित इस प्रस्ताव के मुताबिक, राम जन्मभूमि से लेकर राम की पैड़ी, राम कथा पार्क, कनक भवन और हनुमानगढ़ी जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों से गुजरने वाले पूरे ‘राम पथ‘ मार्ग को ‘संस्कृति संरक्षण क्षेत्र‘ घोषित किया गया है।
प्रतिबंधित वस्तुएं:
- मांस व मांसाहारी खाद्य सामग्री
- शराब व अन्य नशीले पेय
- बीड़ी, सिगरेट और तम्बाकू से बने उत्पाद
नगर आयुक्त का बयान:
नगर आयुक्त ने कहा, “यह निर्णय श्रद्धालुओं की भावनाओं और अयोध्या की सांस्कृतिक गरिमा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आने वाले समय में इस नियम के उल्लंघन पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
व्यापारियों को नोटिस:
इस फैसले के बाद नगर निगम द्वारा संबंधित दुकानदारों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और उन्हें वैकल्पिक स्थानों पर व्यापार संचालित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही निगम द्वारा जनजागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:
स्थानीय नागरिकों और संत समुदाय ने इस निर्णय का स्वागत किया है। एक संत ने कहा,
“राम पथ पर ऐसा वातावरण बनना चाहिए जहां श्रद्धा, मर्यादा और शुद्धता का अनुभव हो। यह निर्णय समय की मांग थी।”
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद से ही ‘रामनगरी’ को वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन द्वारा लिया गया यह कदम एक धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से ऐतिहासिक माना जा रहा है।