लोकसभा चुनाव के बाद अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे के बाद अब गृह मंत्री अमित शाह भी शुक्रवार को सीतामढ़ी पहुंचने वाले हैं। उनका यह दौरा सिर्फ एक राजनीतिक रैली भर नहीं, बल्कि 2025 चुनावों के लिहाज से 49 सीटों की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सीतामढ़ी का वह इलाका मिथिलांचल मंडल में आता है, जो बीजेपी और एनडीए के लिए बेहद अहम रहा है। यही वह क्षेत्र है जहां से राजद नेता तेजस्वी यादव भी चुनाव लड़ते रहे हैं। ऐसे में अमित शाह का यह दौरा राजनीतिक संतुलन साधने और संगठन को मजबूत करने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
क्या है 49 सीटों की कहानी?
2020 के विधानसभा चुनाव में इस मंडल के 6 जिलों की कुल 49 सीटों में से 28 सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की थी।
- बीजेपी को 17
- जेडीयू को 11
- जबकि राजद और कांग्रेस को कुछ अहम सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।
अब 2025 में पार्टी का लक्ष्य इन सीटों को फिर से कंसोलिडेट करना और नई सीटें जोड़ना है।
सीतामढ़ी क्यों है खास?
- यह सीमावर्ती जिला है, जिसकी भौगोलिक स्थिति सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
- बीजेपी के लिए यहां की सीटें कोर वोट बैंक का हिस्सा मानी जाती हैं।
- तेजस्वी यादव का प्रभाव क्षेत्र होने के कारण यहां सीधा राजनीतिक मुकाबला भी देखने को मिलता है।
अमित शाह की रणनीति:
- बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं से संवाद
- जातीय समीकरणों का संतुलन
- पिछली सीटों पर जीत की समीक्षा और हार वाले क्षेत्रों में नई रणनीति
- स्थानीय नेताओं को साथ लेकर “मिशन 2025” की शुरुआत