परशुराम जयंती 2025: भगवान परशुराम के आदर्शों का उत्सव,
परशुराम जयंती का पर्व पूरे देश में आज यानी की 29 अप्रैल 2025 को बड़े धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है। भगवान परशुराम को अक्षय तृतीया के दिन जन्मा हुआ माना जाता है, और इसी कारण इस तिथि का विशेष महत्व है। परशुराम जयंती न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना के प्रतीक के रूप में भी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
कौन थे भगवान परशुराम?
भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। वे एक ऐसे महापुरुष थे जो क्षत्रियों के अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ बनकर उभरे और धर्म की स्थापना के लिए संघर्ष किया। वे अयोध्या, हस्तिनापुर और महाभारत काल के कई राजाओं के गुरू भी रहे। परशुराम को शस्त्र विद्या, तपस्या, और न्यायप्रियता का प्रतीक माना जाता है।
2025 में परशुराम जयंती का महत्व:
- विशेष पूजन और यज्ञ: मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ और भंडारे आयोजित होंगे।
- शोभायात्राएं: कई राज्यों में पारंपरिक शोभायात्राएं निकाली जाएंगी जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेंगे।
- धार्मिक प्रवचन और संगोष्ठियाँ: विद्वान और साधु-संत भगवान परशुराम के जीवन आदर्शों पर प्रकाश डालेंगे।
- युवा जागरूकता अभियान: परशुराम के आदर्शों को युवाओं तक पहुंचाने के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाएं विभिन्न कार्यक्रम करेंगी।
कहाँ-कहाँ रहेगा विशेष आयोजन:
- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में परशुराम जयंती का विशेष महत्व है।
- प्रयागराज, उज्जैन, जयपुर, पटना और वाराणसी में भव्य आयोजन की तैयारी चल रही है।
- कई संगठनों ने इस दिन परशुराम जयंती महोत्सव के रूप में सामूहिक कार्यक्रमों की घोषणा भी की है।
परशुराम जयंती का संदेश:
परशुराम जयंती हमें सिखाती है कि धर्म और न्याय के लिए संकल्प और साहस जरूरी है। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि शक्ति का प्रयोग हमेशा धर्म की रक्षा के लिए होना चाहिए, अत्याचार के लिए नहीं।
परशुराम जयंती 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि हमारे समाज के नैतिक मूल्यों और संस्कृति का उत्सव है। भगवान परशुराम के आदर्श आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने हजारों साल पहले थे। देशभर में आस्था और श्रद्धा के साथ यह दिन नई ऊर्जा और उत्साह से मनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट:
“परशुराम जयंती के पावन अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान परशुराम का जीवन धर्म, साहस और न्याय के लिए समर्पित था। उनकी तपस्या और शौर्य हमें सदैव राष्ट्र निर्माण और सेवा के मार्ग पर प्रेरित करता रहेगा।” जय परशुराम।