हर साल 19 अप्रैल को मनाया जाने वाला वर्ल्ड लिवर डे इस बार “Food is Medicine” थीम के साथ लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है। हाल के वर्षों में 30 वर्ष से कम उम्र के युवाओं में लिवर रोगों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। आइए समझते हैं इसके पीछे के कारण और पीलिया से इसका क्या संबंध है।
युवाओं में लिवर रोगों के बढ़ने के प्रमुख कारण
- अत्यधिक शराब सेवन: युवाओं में सामाजिकता के नाम पर अत्यधिक शराब का सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अल्कोहल-सम्बंधित हेपेटाइटिस और सिरोसिस जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
- मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड लिवर डिजीज (MASLD): मधुमेह, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण होने वाली यह स्थिति युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। यह प्रारंभिक चरणों में लक्षणहीन हो सकती है, लेकिन समय के साथ लिवर कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।
- अनुचित आहार और जीवनशैली: जंक फूड, अत्यधिक चीनी और संतृप्त वसा का सेवन, साथ ही शारीरिक गतिविधियों की कमी, लिवर स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या पीलिया लिवर रोग का संकेत है?
पीलिया (Jaundice) त्वचा और आंखों की सफेदी का पीला पड़ना है, जो शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के जमा होने के कारण होता है। यह लिवर की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है। पीलिया के संभावित कारणों में शामिल हैं:
- हेपेटाइटिस: वायरल संक्रमण के कारण लिवर की सूजन।
- गॉलब्लैडर स्टोन: पित्त नलिकाओं में रुकावट।
- अल्कोहल-सम्बंधित लिवर रोग: अत्यधिक शराब सेवन के कारण लिवर को नुकसान।
यदि पीलिया के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना आवश्यक है, क्योंकि यह लिवर रोग का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।
लिवर स्वास्थ्य के लिए सुझाव
- संतुलित आहार: फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन का सेवन करें।
- शराब और तंबाकू से परहेज: इन पदार्थों का सेवन लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
- नियमित व्यायाम: शारीरिक गतिविधियां लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
- नियमित जांच: लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) के माध्यम से लिवर की स्थिति की निगरानी करें।
वर्ल्ड लिवर डे 2025 का उद्देश्य युवाओं को लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और समय पर जांच करवाकर लिवर रोगों से बचा जा सकता है। यदि पीलिया या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें।