जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को लेकर देशभर में गुस्सा है। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली में एक अहम ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई। बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया और सरकार से जवाब मांगा कि आतंकियों से बदला कब और कैसे लिया जाएगा?
सरकार का रुख: “बदला जरूर होगा, समय और तरीका हमारा होगा”
गृह मंत्री अमित शाह ने मीटिंग में स्पष्ट किया कि सरकार आतंक के खिलाफ ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “इस हमले के पीछे जो भी ताकतें हैं, उन्हें चिन्हित किया जा चुका है। जवाब ज़रूर मिलेगा, लेकिन हमारे समय और हमारे तरीके से।”
गृह मंत्री ने सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट साझा करते हुए बताया कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने रची थी, लेकिन उसे अंजाम देने वाले लोकल मॉड्यूल को अब सुरक्षा एजेंसियां निशाने पर ले चुकी हैं।
ऑल पार्टी मीटिंग में क्या-क्या हुआ?
- कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, और टीएमसी जैसे दलों ने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
- विपक्ष ने कहा कि राजनीतिक मतभेद भले हों, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।
- सरकार ने सभी दलों को भरोसा दिलाया कि “जैसे उरी और पुलवामा का जवाब मिला था, वैसे ही इस बार भी आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
कूटनीतिक मोर्चे पर भी एक्शन
मीटिंग में यह भी जानकारी दी गई कि भारत, पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने की तैयारी में है। जल्द ही संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर भारत आतंकियों को पनाह देने वाले देशों के खिलाफ ठोस सबूत पेश करेगा।
सेना को खुली छूट
सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह तय किया गया है कि सेना को “फ्री हैंड” दिया गया है। जवाबी कार्रवाई के लिए समय-सीमा तय नहीं की गई है, ताकि ऑपरेशन की गोपनीयता बनी रहे।