हाल ही में दिल्ली नगर निगम (MCD) महापौर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार मेयर पद के लिए कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारेगी। इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है और यह माना जा रहा है कि अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी का निर्विरोध मेयर बनना लगभग तय हो गया है।
AAP के वरिष्ठ नेताओं ने यह फैसला पार्टी की “राजनीतिक परिपक्वता” और “लोकतांत्रिक सहयोग की भावना” के तहत लिया बताया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह फैसला पार्टी की हालिया रणनीति में बदलाव का हिस्सा है, जिसमें वह MCD के प्रशासनिक कामकाज में टकराव के बजाय तालमेल को प्राथमिकता दे रही है।
BJP नेताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह दिल्ली के लिए स्थिर और प्रभावशाली स्थानीय शासन की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। भाजपा की ओर से अभी तक आधिकारिक मेयर उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी की आंतरिक बैठकों में इसको लेकर मंथन जारी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि AAP का उम्मीदवार न उतारने का फैसला मेयर पद के समीकरण को पूरी तरह बदल सकता है। MCD में अब भाजपा का वर्चस्व लगभग तय माना जा रहा है, जिससे दिल्ली की राजनीति में नई दिशा और संवाद का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि BJP अपने किस चेहरे को मेयर पद पर लाती है और क्या वह दिल्ली नगर निगम में प्रशासनिक सुधार व जनसेवा के वादों को निभा पाएगी।