Homeन्यूज़क्रोएशिया, नॉर्वे, नीदरलैंड-पीएम मोदी के 3 देशों के यूरोप दौरे के पीछे क्या है बड़ा प्लान? समझिए पूरा गणित

क्रोएशिया, नॉर्वे, नीदरलैंड-पीएम मोदी के 3 देशों के यूरोप दौरे के पीछे क्या है बड़ा प्लान? समझिए पूरा गणित

Date:

Share post:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही तीन यूरोपीय देशों क्रोएशिया, नॉर्वे और नीदरलैंड के दौरे पर रवाना होने वाले हैं। यह दौरा केवल एक औपचारिक राजनयिक यात्रा नहीं है, बल्कि इसके पीछे भारत की रणनीतिक, आर्थिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की एक बड़ी योजना छिपी है। आइए समझते हैं कि इस दौरे की अहमियत क्या है और इससे भारत को क्या लाभ हो सकता है।

क्रोएशिया: बाल्कन क्षेत्र में भारत की नई रणनीति

क्रोएशिया भले ही यूरोप का एक छोटा देश हो, लेकिन  भौगोलिक रूप से यह बाल्कन क्षेत्र का रणनीतिक केंद्र है। भारत इस देश के साथ फार्मा, पर्यटन, फिल्म शूटिंग, और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की तैयारी में है।

  • डिप्लोमैटिक रिलेशन को 1992 से बनाए हुए भारत, अब क्रोएशिया में निवेश बढ़ाना चाहता है।
  • PM मोदी की यात्रा के दौरान डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट, और टूरिज्म व ट्रेड सेक्टर में कई MoU साइन होने की उम्मीद है।

नॉर्वे: ब्लू इकोनॉमी और ग्रीन एनर्जी में साझेदारी

नॉर्वे दुनिया के सबसे विकसित और पर्यावरण के प्रति जागरूक देशों में गिना जाता है। भारत और नॉर्वे के बीच ग्रीन टेक्नोलॉजी, जलवायु परिवर्तन, समुद्री अनुसंधान और आर्कटिक नीति पर सहयोग बढ़ रहा है।

  • नॉर्वे की ब्लू इकोनॉमी और ऑफशोर विंड एनर्जी में महारत है, जिसमें भारत निवेश और तकनीक ट्रांसफर चाहता है।
  • क्लाइमेट फाइनेंस और कार्बन क्रेडिट मार्केट पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हो सकती है।

 नीदरलैंड: हाईटेक, एग्रीटेक और साइबर सिक्योरिटी

नीदरलैंड यूरोप का टेक्नोलॉजी और एग्रीकल्चर हब है। भारत यहां से स्मार्ट कृषि, जल प्रबंधन, और साइबर सिक्योरिटी में बड़े पैमाने पर सहयोग चाहता है।

  • नीदरलैंड में करीब 2 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिससे सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हैं।
  • इस दौरे में दोनों देशों के बीच फूड प्रोसेसिंग, क्लीन एनर्जी और साइबर डिफेंस पर MoU हो सकते हैं।

पीएम मोदी का ‘मिनी यूरोप मिशन’: क्यों खास है यह दौरा?

  1. चीन को जवाब: यूरोप में भारत की बढ़ती मौजूदगी से चीन को रणनीतिक चुनौती मिलती है।
  2. भारत-यूरोपीय संघ व्यापार समझौता: FTA की दिशा में सहयोग को गति मिल सकती है।
  3. टेक्नोलॉजी और रक्षा सौदे: यूरोपीय देशों से हाईटेक रक्षा और साइबर सुरक्षा सहयोग पर ध्यान।
  4. भारतीय डायस्पोरा: विदेशों में बसे भारतीयों से सीधा संवाद और उनकी भूमिका को प्रोत्साहन।

पीएम मोदी का यह 3 देशों का दौरा भारत की स्मार्ट डिप्लोमेसी का हिस्सा है, जहां वह बड़े देशों की बजाय छोटे लेकिन रणनीतिक रूप से अहम देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाकर वैश्विक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यह दौरा भारत के लिए आर्थिक, पर्यावरणीय और रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम साबित हो सकता है।

Related articles

Ajit Doval SCO Meet: अजीत डोभाल की चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात, आतंकवाद पर दिया दो-टूक संदेश

अजीत डोभाल ने सोमवार 23 जून 2025 को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बीजिंग में मुलाकात...

Israel-Iran War LIVE: सीजफायर पर इजरायल की सहमति लेकिन ईरान का पलटवार जारी, खामनेई बोले- “किसी के आगे नहीं झुकेंगे”

ईरान और इजरायल के बीच लगातार 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद अमेरिका और कतर की मध्यस्थता...

Rice Export Crisis: ईरान-इजरायल जंग का बासमती चावल पर असर, कीमतों में आई भारी गिरावट, निर्यात पर संकट

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे टकराव का असर अब भारत की बासमती चावल इंडस्ट्री पर भी...

Bypoll Results 2025: उपचुनाव में AAP की दोहरी जीत: क्या केजरीवाल की हो रही है राष्ट्रीय राजनीति में वापसी?

पंजाब और गुजरात में हुए विधानसभा उपचुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी सफलता मिली है। दोनों...