बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान एक बार फिर एक इमोशनल और प्रेरणादायक कहानी लेकर लौटे हैं – ‘सितारे ज़मीन पर’। यह फिल्म न सिर्फ मनोरंजन करती है, बल्कि समाज को एक जरूरी संदेश भी देती है। आमिर खान जब भी फिल्म लेकर आते है फैन्स की उनसे उम्मीदें कुछ ज़्यादा ही बढ़ जाती है। मिस्टर परफेक्ट हर काम परफेक्टली करते है। एक बार फिर से आमिर अपनी अपकमिंग फिल्म लेकर आ गए है, जिसका नाम है “सितारें ज़मीन पर” यह फिल्म भी आमिर खान की बेहतरीन फिल्मों में से एक होने वाली है।
फिल्म की कहानी:
गुलशन, एक घमंडी बास्केटबॉल कोच जो खुद को खुदा से कम नहीं समझता था। दूसरों की कोई परवाह नहीं, बस अपनी दुनिया में मस्त, लेकिन किस्मत ने पलटी मारी, शराब पीकर गाड़ी चलाई, पकड़ा गया और कोर्ट ने थमा दी समाज सेवा की सजा। अब जनाब को कोचिंग देनी पड़ती है एक ऐसी टीम को, जिसमें सभी खिलाड़ी न्यूरोडाइवर्जेंट होते हैं। शुरुआत में तो गुलशन की शक्ल देखने लायक होती है- “ये क्या फालतू काम पकड़ा दिया!” लेकिन जैसे-जैसे वो इन बच्चों के साथ वक्त बिताता है, उसकी दुनिया ही बदलने लगती है। जो चीज उसे सजा लग रही थी, वही उसकी सबसे बड़ी सीख बन जाती है। धीरे-धीरे घमंड पिघलता है, दिल खुलता है और वो इन बच्चों को सिर्फ कोच नहीं, अपना बना लेता है।
एक्टिंग
इस फिल्म में आमिर खान ने गुलशन के किरदार को ऐसे निभाया है कि लगेगा ,ये बंदा सच में बदला है. आमिर खान की एक्टिंग गजब की है उन्होंने फिर साबित कर दिया की वो परफेक्शनिस्ट क्यों कहलाते हैं। उन्होंने गुलशन के करैक्टर में जान डाल दी, हर सीन में उनका हाव-भाव, डायलॉग डिलीवरी और बॉडी लैंग्वेज इतना असरदार है कि दर्शक उनसे नजरें नहीं हटा पाते। और जेनेलिया डिसूजा? जैसे गुलशन की जिंदगी की रौशनी। कम बोलती हैं, लेकिन हर सीन में दिल छू जाती हैं। जेनेलिया ने एक परफेक्ट बीवी का किरदार सादगी और गहराई से निभाया है. लेकिन अगर थोड़ा और ज्यादा उनका करैक्टर इन्फ्लुएंशियल होता तो बेहतर था उनके रोल को और ज्यादा इंपैक्टफुल बनाया जा सकता था.।
वही इस फिल्म का असली तड़का तो वो 10 न्यूरोडाइवर्जेंट कलाकार लगाते हैं। ना ओवरएक्टिंग, ना बनावटी ड्रामा, सब कुछ दिल से। साथ ही फिल्म में डॉली अहलूवालिया ने बेहतरीन तरीके से गुलशन की मां का किरदार निभाया है और एक्टर बृजेन्द्र काला का कॉमिक टाइमिंग कमाल है जिन्होंने फिल्म में आमिर की मां के ‘गुड फ्रेंड’ का रोल निभाया है। लेकिन एक बात जरूर है कि एक्टिंग में इन 10 स्पेशल लोगों ने आमिर खान को भी पीछे छोड़ दिया है।
राइटिंग और डायरेक्शन
आरएस प्रसन्ना की डायरेक्शन और आमिर खान की प्रोडक्शन में बनी ये शानदार फिल्म ऑफिशियली स्पैनिश हिट चैंपियंस की एडेप्टेशन है। रीमेक जरूर है लेकिन राइटिंग और डायरेक्शन अच्छी है फिल्म पर पकड़ मजबूत है।
संगीत और भावनाएं:
फिल्म का संगीत दिल को छूने वाला है। “माँ…” जैसे गानों ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं। फिल्म का हर सीन एक गहरा संदेश देता है – हर बच्चा खास होता है।
क्यों देखें ये फिल्म:
‘सितारे ज़मीन पर’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक अनुभव है। यह माता-पिता, शिक्षकों और हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी फिल्म है जो बच्चों को समझने और उन्हें प्रोत्साहित करने में विश्वास रखते हैं।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐½ (4.5/5)