‘IC-814: द कंधार हाईजैक’ एक भारतीय वेब सीरीज है जो 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण की सच्ची घटना पर आधारित है। इस सीरीज को सोनल चौहान और तुषार भाटिया द्वारा लिखा और निर्देशित किया गया है। इसे नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम किया गया है और यह भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के दर्शकों को इस ऐतिहासिक और संवेदनशील घटना की वास्तविकता से रूबरू कराती है।
कहानी: सीरीज की कहानी 24 दिसंबर 1999 को शुरू होती है जब इंडियन एयरलाइंस का एक विमान, IC-814, काठमांडू से दिल्ली जा रहा था और उसे आतंकवादियों द्वारा अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने विमान को कंधार (अब पाकिस्तान में) ले जाकर विमान में सवार यात्रियों को बंधक बना लिया। इस घटना ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को संकट में डाल दिया।
- विमान अपहरण: कहानी विमान के अपहरण, आतंकवादियों की मांगों, और बंधकों की कठिन स्थिति को दिखाती है। अपहरणकर्ताओं ने अपने नेताओं के खिलाफ भारतीय जेलों में बंद आतंकवादियों को रिहा करने की मांग की।
- सरकारी प्रतिक्रिया: सीरीज भारतीय सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियों और निर्णय-प्रक्रिया को भी उजागर करती है, जिनके सामने अपहरणकर्ताओं की मांगों पर विचार करने की कठिन स्थिति थी।
- मोल-भाव और बचाव: सीरीज में आपातकालीन मोल-भाव की प्रक्रिया, सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए प्रयास और ऑपरेशन की चुनौतियाँ दर्शायी जाती हैं।
- मानवीय दृष्टिकोण: बंधकों और उनके परिवारों की पीड़ा और संघर्ष को भी गहराई से दिखाया गया है, जो इस घटना की मानवीय पहलू को उजागर करता है।
कास्ट और अभिनय: वेब सीरीज में प्रमुख भूमिकाओं में प्रसिद्ध अभिनेता और अभिनेत्रियाँ हैं, जो घटना के विभिन्न पात्रों को जीवंत करते हैं। उनकी अभिनय की प्रभावशाली प्रस्तुति ने सीरीज को और भी रोचक और सजीव बनाया है।
‘IC-814: द कंधार हाईजैक’ एक रियलिस्टिक और ईमानदार दृष्टिकोण से इस त्रासद घटना को प्रस्तुत करती है। यह सीरीज दर्शकों को एक वास्तविक घटनाक्रम से परिचित कराती है और आतंकवाद की भयावहता और सरकारी प्रतिक्रिया की जटिलताओं को उजागर करती है।
‘IC-814: द कंधार हाईजैक’ एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित एक गहन और समृद्ध वेब सीरीज है जो घटनाक्रम की वास्तविकता, मानवीय संवेदनाओं, और सरकारी निर्णय-प्रक्रिया को समझने में मदद करती है। यह सीरीज दर्शकों को उन दिनों की कठिनाइयों और चुनौतियों का अनुभव कराती है जब भारत को इस काले अध्याय का सामना करना पड़ा था।