आज सिनेमाघरों में एक नई फिल्म रिलीज़ हुई है जिसका नाम है ‘आंखों की गुस्ताखियां’। एक्टर संजय कपूर की बेटी शनाया कपूर ने आखिरकार अभिनय की दुनिया में कदम रख दिया है, और उनकी डेब्यू फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ आज शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। फिल्म में उनके अपोजिट हैं दमदार कलाकार विक्रांत मैसी। कहानी एक नेत्रहीन युवक और सामान्य युवती के बीच पनपते प्यार पर आधारित है – जो सुनने में बेहद भावुक और यूनिक लगती है, लेकिन पर्दे पर आते-आते यह प्रभाव कमज़ोर हो जाता है।
कहानी- इस फिल्म की कहानी रस्किन बॉन्ड की शॉर्ट स्टोरी ‘द आईज हैव इट’ पर बेस्ड है। एक लड़की (शनाया कपूर) को हीरोइन बनना है और उसे एक ऐसी लड़की का किरदार निभाना है जो देख नहीं सकती, और कैरेक्टर में आने के लिए वो आंखों पर पट्टी बांध लेती है. उसकी मुलाकात एक ऐसे लड़के विक्रांत मैसी से होती है जो उसकी मदद करता है लेकिन वो खुद देख नहीं सकता लेकिन लड़की को लगता है वो देख सकता है। इनकी लव स्टोरी फिर कैसे डेवलप होती है,यही फिल्म में दिखाया गया है।
कैसी है फिल्म- ये एक ठीक ठाक फिल्म है. कमियों के बावजूद एक बार फिल्म देखने लायक है। फिल्म में कुछ नया करने की कोशिश की गई है. इस तरह की लव स्टोरी को पचाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन सिनेमा तो यही करता है. वरना हम ये शिकायत तो करते रहते हैं कि कुछ नया नहीं बनता।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है. लोकेशंस को खूबसूरती से दिखाया गया है। बीच-बीच में कॉमिक पंच भी डाले गए हैं. 2 किरदार कैसे एक फिल्म को अपने कंधे पर लेकर चल सकते हैं वो आप इस फिल्म में देख सकते हैं। स्क्रीनप्ले और बेहतर हो सकता था। मसाले और डाले जा सकते थे, उससे यह फिल्म आजकल की वायलेंट फिल्में पसंद करने वाले लोगों को भी पसंद आती, लेकिन इस फिल्म को महसूस करने वालों को ये अच्छी लगेगी।
एक्टिंग- विक्रांत मैसी ने बढ़िया काम किया है. वो अच्छे एक्टर हैं इसमें कोई शक नहीं और इस फिल्म की देखने की सबसे बड़ी वजह वही हैं. वो उस रोल में फिट हैं। शनाया कपूर ने अच्छा डेब्यू किया है। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस अच्छी है, वो लगती खूबसूरत हैं, एक्टिंग ठीक है , आगे और बेहतर करेंगी ऐसी उम्मीद वो जगाती हैं। बाकी अब किसी को नेपोकिड के नाम पर उनको ट्रोल ही करना है तो कुछ किया नहीं जा सकता। सानंद वर्मा का काम काफी अच्छा है। आगर आप विक्रांत मैसी के फैन हेै तो आप यें फिल्म उनके लिए देख सकते है।
राइटिंग और डायरेक्शन- मानसी बागला ने फिल्म लिखी है और संतोष सिंह ने डायरेक्ट की है. स्क्रीनप्ले बेहतर हो सकता था, मसाले डाले जा सकते थे, वहां से फिल्म मात खाती है, डायरेक्शन अच्छा है।
संगीत और तकनीकी पक्ष:
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और कुछ गाने दिल को छूते हैं। खासकर “छू के भी ना देख सकूं…” टाइटल ट्रैक लोगों को भावुक कर सकता है। लेकिन सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग में कुछ असंतुलन साफ दिखता है।
मूवी रिव्यू: आंखों की गुस्ताखियां – एक अनदेखा प्यार, कई दिखती गलतियां
कलाकार: विक्रांत मैसी, शनाया कपूर
निर्देशक: अयान अली
शैली: रोमांटिक ड्रामा
रिलीज़ डेट: 11 जुलाई 2025
रेटिंग: ⭐⭐☆ (2.5/5)