रायपुर की कविता देव आज मिलेट माँ के रूप में जानी जाती हैं। वह 12 एकड़ के खेतों में न सिर्फ फल-सब्जियां और मिलेट्स उगा रही हैं, बल्कि इनसे ढेरों प्रोडक्ट्स भी बना रही हैं।
लेकिन एक आम गृहिणी से मिलेट माँ बनने तक का उनका सफर हम सबके लिए प्रेरणा है। दरअसल, कविता अपने बच्चों को हेल्दी खाना खिलाने और उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखने के प्रति काफी सजग थीं। वह हमेशा बच्चों को ताज़ा सब्जियों का जूस और मौसमी सब्जियां खिलाने पर जोर देती थीं। लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि जिसे वह हेल्दी समझ रही थीं, वह एक तरह से जहर है।
हुआ यूँ कि एक दिन, रोज की तरह उन्होंने अपने बच्चों के लिए सब्जियों का जूस बनाया लेकिन उनके बच्चों ने जूस पीने के बजाय उसे छुपा कर स्कूल चले गए। कविता ने जब शाम को भरा हुआ जूस का गिलास देखा तो उन्हें उसमें एक तेल कि परत नजर आई। कविता को आश्चर्य हुआ और पता लगाने पर उन्हें मालूम चला यह तेल नहीं केमिकल है जो सब्जियों में ही मौजूद था।