राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की 12वीं कक्षा के परिणाम में पाली जिले के गजनीपुरा गांव की मीनाक्षी चौधरी ने असाधारण सफलता प्राप्त कर एक मिसाल कायम की है। आर्ट्स स्ट्रीम में 97.80% अंक हासिल कर मीनाक्षी ने न सिर्फ पूरे जिले में टॉप किया, बल्कि यह भी साबित किया कि सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ जज्बा चाहिए, सुविधाएं नहीं।
मीनाक्षी के पिता खेतों में मजदूरी करते हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। उनके पास पक्का मकान तक नहीं है, और वे कच्चे घर में रहते हैं। इतना ही नहीं, जिस स्कूल में मीनाक्षी पढ़ती थीं, वहां आर्ट्स स्ट्रीम के मुख्य विषयों के लिए स्थायी शिक्षक भी नहीं थे। फिर भी मीनाक्षी ने स्व-अध्ययन और कठिन परिश्रम के बल पर यह मुकाम हासिल किया।
मीनाक्षी ने क्या कहा?
मीनाक्षी बताती हैं, “मैंने कभी हालात को अपनी पढ़ाई पर हावी नहीं होने दिया। सुबह खेतों में मां के साथ काम करना और फिर देर रात तक पढ़ाई करना मेरी दिनचर्या थी। मेरे स्कूल में कुछ विषयों के शिक्षक नहीं थे, तो मैंने पुराने नोट्स, गाइड और इंटरनेट की मदद से खुद पढ़ाई की।”
परिवार की प्रतिक्रिया:
मीनाक्षी की मां ने भावुक होते हुए कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारी बेटी इतना बड़ा नाम करेगी। आज उसका सपना हमारा गर्व बन गया है।”
गांव और स्कूल में जश्न का माहौल:
मीनाक्षी की सफलता से गजनीपुरा गांव में जश्न का माहौल है। स्कूल के शिक्षक, पंचायत सदस्य और गांववाले मीनाक्षी को बधाई देने पहुंच रहे हैं। कई स्थानीय संस्थाएं अब मीनाक्षी की आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद देने की बात कर रही हैं।
आगे का सपना:
मीनाक्षी का सपना है कि वह राज्य प्रशासनिक सेवा (RAS) में जाए और अपने जैसे ग्रामीण व गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम करे।
यह सिर्फ रिजल्ट नहीं, एक संदेश है:
मीनाक्षी की यह उपलब्धि उस पूरे शिक्षा तंत्र को झकझोरने वाली है जो मानता है कि बिना सुविधा सफलता नहीं मिलती। यह कहानी हर उस छात्र-छात्रा के लिए प्रेरणा है जो कठिन हालात में भी हार नहीं मानते।