छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की रहने वाली ईशिका बाला ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो न सिर्फ छात्रों बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात देकर, ईशिका ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में टॉप कर पूरे राज्य को गर्व से भर दिया है।
कैंसर से संघर्ष की कहानी
ईशिका की जिंदगी में उस समय भूचाल आ गया जब डॉक्टरों ने उसे कैंसर होने की पुष्टि की। इलाज के दौरान उसे कीमोथेरेपी, दर्द और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा। लेकिन ईशिका ने हार नहीं मानी। वह इलाज के साथ पढ़ाई जारी रखती रही, अस्पताल में किताबें साथ रखती और मनोबल कभी टूटने नहीं दिया।
शिक्षा में उत्कृष्टता
जब छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं बोर्ड के नतीजे घोषित किए, तो ईशिका का नाम टॉपर्स की सूची में सबसे ऊपर था। इस नतीजे ने साबित कर दिया कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी मुश्किल रास्ता आसान हो सकता है।
बनना चाहती हैं IAS अधिकारी
अब ईशिका का सपना है – IAS बनकर देश और समाज की सेवा करना। वह चाहती हैं कि उनकी तरह किसी और को भी बीमारी या हालात आगे बढ़ने से न रोकें। उनका लक्ष्य है कि गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए काम करें और लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें।
परिवार और स्कूल का समर्थन
का ईशिका की इस सफलता में उनके माता-पिता, शिक्षकों और डॉक्टरों भी अहम योगदान रहा। परिवार ने हर मुश्किल में उसका साथ दिया और स्कूल ने विशेष व्यवस्था कर पढ़ाई में मदद की।