कहते हैं मेहनत और हौसले के आगे कोई भी मुश्किल टिक नहीं सकती। इस बात को सच कर दिखाया है बिहार बोर्ड 12वीं की टॉपर प्रिया जायसवाल ने। बेहद साधारण परिवार से आने वाली प्रिया ने 96.8% अंक हासिल कर राज्यभर में टॉप किया है। उनके पिता एक आटा चक्की चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। इस सीमित संसाधनों वाले परिवार की बेटी ने जो कर दिखाया है, वो लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है।
संघर्षों से भरी रही राह, लेकिन कभी नहीं मानी हार
प्रिया गया जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता रोज़ाना सुबह से शाम तक आटा चक्की पर काम करते हैं। घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन पढ़ाई को लेकर प्रिया की लगन हमेशा मजबूत रही। वे कहती हैं, “मेरे पापा ने कभी महसूस नहीं होने दिया कि हम गरीब हैं। उन्होंने मुझे हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।”
रोज़ाना 10-12 घंटे की पढ़ाई
प्रिया ने बताया कि उन्होंने किसी महंगे कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया। वह खुद से पढ़ाई करती थीं और इंटरनेट से भी नोट्स और टॉपिक कवर करती थीं। “समय का सही उपयोग किया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर पढ़ाई को प्राथमिकता दी,” प्रिया बताती हैं।
बनना चाहती हैं IAS अफसर
अपनी सफलता के बाद प्रिया ने बताया कि उनका सपना IAS अफसर बनना है। वह चाहती हैं कि वे समाज में बदलाव लाएं और दूसरे गरीब बच्चों की मदद कर सकें। “मैं चाहती हूं कि कोई भी बच्चा अपनी गरीबी के कारण सपने देखना न छोड़े,” उन्होंने कहा।
बिहार को प्रिया पर गर्व
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने प्रिया की सफलता पर बधाई दी है और कहा कि इस तरह की कहानियां दिखाती हैं कि सच्ची मेहनत का फल जरूर मिलता है।
सीखने योग्य बातें प्रिया की सफलता से:
- कठिनाइयों के बावजूद निरंतर प्रयास
- समय का प्रबंधन
- सोशल मीडिया से दूरी
- आत्मविश्वास और लक्ष्य के प्रति समर्पण