Homeबिहाइंड स्टोरीकिताबों की कमी, यूट्यूब से की पढ़ाई, मज़दूर की बेटी बनी बिहार टॉपर

किताबों की कमी, यूट्यूब से की पढ़ाई, मज़दूर की बेटी बनी बिहार टॉपर

Date:

Share post:

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा घोषित किए गए कक्षा 10वीं के रिजल्ट 2025 में सैकड़ों होनहार छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल की, लेकिन इस बार सबकी नज़रों में छा गईं साक्षी कुमारी, जिन्होंने बिहार में  टॉप रैंक हासिल कर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन कर दिया। साक्षी कुमारी एक मज़दूर की बेटी हैं। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और मां एक गृहिणी। सीमित संसाधनों के बावजूद साक्षी ने दिन-रात मेहनत की और सफलता की ऊंचाइयों को छू लिया।

YouTube से पढ़ाई की

 साक्षी बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्‍छी नहीं थी, मगर स्‍कॉलरशिप से पढ़ाई की। उन्‍होंने किसी भी सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर से हमेशा दूरी बनाई। हालांकि, YouTube की मदद से पढ़ाई की।

घर के काम भी करती थी, पढ़ाई भी

 साक्षी की मां ने बताया कि बेटी घर के काम भी करती थी। हालांकि, उनकी बड़ी बेटी उनका ज्‍यादा हाथ बंटाती है, मगर साक्षी भी घर के कामों में पूरी मदद करती है। इसके बावजूद हर दिन 8 से 9 घंटे पढ़ाई कर पूरे स्‍टेट में टॉप किया।

मेहनत और विश्वास बना सफलता की चाबी

साक्षी बताती हैं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉप करूंगी। मेरा लक्ष्य बस अच्छा नंबर लाना था, लेकिन जब रिजल्ट देखा तो खुद भी हैरान रह गई। ये सब मेरी मेहनत और माता-पिता की दुआओं का फल है।”

परिवार की आंखों में खुशी के आंसू

साक्षी की सफलता पर उनके माता-पिता भावुक हो गए। उनके पिता ने कहा, “हमने तो बस यही चाहा था कि हमारी बेटी पढ़-लिखकर कुछ अच्छा करे, लेकिन उसने जो किया है वो हमारी कल्पना से भी बड़ा है।”

स्कूल और शिक्षकों ने जताया गर्व

साक्षी के स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें एक “रोल मॉडल” बताया। उन्होंने कहा, “साक्षी जैसी छात्राएं उन लाखों बच्चों के लिए प्रेरणा हैं जो कठिन परिस्थितियों में भी पढ़ाई जारी रखते हैं।”

 साक्षी के आगे का सपना

साक्षी डॉक्टर बनना चाहती हैं और अब इंटरमीडिएट की पढ़ाई के साथ-साथ NEET की तैयारी करने की योजना बना रही हैं। वो कहती हैं, “मैं चाहती हूं कि गरीब परिवारों के लोगों का भी इलाज अच्छे से हो सके, और मैं उसमें योगदान देना चाहती हूं।”

साक्षी कुमारी की यह सफलता सिर्फ नंबरों की नहीं है, यह उस जज्बे की जीत है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को जिंदा रखता है। उनकी कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो सोचते हैं कि साधन नहीं हैं, तो सफलता नहीं मिल सकती।

Related articles

Credit Card Tips: क्रेडिट कार्ड से खरीद रहे हैं सोना? पेमेंट से पहले जान लें ये बातें, नहीं तो उठाना पड़ सकता है भारी...

त्योहारी सीजन हो या निवेश का इरादा, सोने की खरीदारी भारत में हमेशा से खास रही है। कई...

TejPratap Statement: प्रेम किया तो गलत क्या किया, तेज प्रताप यादव बोले- कोई दिल से थोड़ी निकाल देगा, अनुष्का यादव मामले पर दिया बड़ा...

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव एक बार...

Travel Therapy: ब्रेकअप से टूटा है दिल? भारत की इन जगहों पर घूमिए, रातभर नाचिए और मन को दीजिए सुकून

ब्रेकअप के बाद अगर दिल भारी हो गया है और ज़िंदगी बेरंग सी लगने लगी है, तो घबराने...

Dhoni Trademark: अब कोई और नहीं कहलाएगा ‘कैप्टन कूल’, महेंद्र सिंह धोनी ने ट्रेडमार्क कराया अपना आइकॉनिक टाइटल

भारतीय क्रिकेट के सबसे शांत और समझदार कप्तान के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी ने अब अपने...