अक्सर हम मानते हैं कि बड़े पद पर बैठे लोगों को कहीं भी जाने पर खास सुविधा मिलती है। लेकिन हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई जिसने इस सोच को बदल दिया। IAS अधिकारी प्रतीक्षा सिंह को अल्ट्रासाउंड सेंटर पर करीब 2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आईएएस प्रतीक्षा सिंह ने अंबेडकरनगर में अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटर की छापेमारी कर उसे सील कर दिया, लेकिन इस दौरान उन्हें दो घंटे इंतजार करना पड़ा और सेंटर स्टाफ की ओर से कोई सहयोग नहीं किया गया। आइए जानते हैं उनके बारे में।
यूपी के अंबेडकरनगर में अवैध अल्ट्रासाउंड सेंटर की छापेमारी के दौरान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रतीक्षा सिंह को दो घंटे इंतजार करना पड़ा उसके बाद भी अल्ट्रासाउंड सेंटर स्टाफ की ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। हालांकि जांच के बाद सेंटर को सील कर दिया गया। अब ऐसे में जिले भर में प्रतीक्षा सिंह की चर्चा हो रही है। आइए जानते हैं कि उन्होंने कब यूपीएससी क्रैक किया और आईएएस अधिकारी बनी।
आईएएस प्रतीक्षा सिंह मूल रूप से गाजियाबाद के साहिबाबाद की रहने वाली हैं। उनके पिता टीचर हैं और मां गृहणी है। आईएएस बनने से पहले वह एसडीएम थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा पास 7वीं रैंक से पास की थी और चयन डिप्टी कलेक्टर पद पर हुआ था।
प्रतीक्षा सिंह यूपी कैंडर 2023 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2022 में देश भर में 52वीं रैंक प्राप्त की थी और चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए किया गया। उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की थी। प्रतीक्षा ने 2020 और 2021 में भी यूपीएससी सीएसई की परीक्षा दी थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। यूपी पीसीएस में चयन होने के बाद भी उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और मेहनत कर सफलता प्राप्त की।