हालातों का सामना करने वाला ही सच्ची सफलता प्राप्त कर सकता है। उन्होंने गाँव से IIT और अमेरिका से PhD किया, और आखिरकार NASA में अपनी जगह बनाई।
गौतम कोनापाला की कहानी अद्भुत है । उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आंध्र प्रदेश के गांव से की और फिर IIT भुवनेश्वर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री प्राप्त की । उन्होंने अपनी मेहनत और संकल्प से कोलकाता की एक फर्म में काम करते हुए एक साल मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में अपने कौशल को सुधारा । इसके पश्चात्, उन्होंने IIT बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री और अमेरिका के क्लेमसन यूनिवर्सिटी से हाइड्रोलॉजी में पीएचडी हासिल की । गौतम कोनापाला का सफर हमें यह सिखाता है कि अपने सपनों की प्राप्ति के लिए मेहनत और समर्पण से कोई भी मुश्किल हासिल की जा सकती है ।
IIT से की ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई
गौतम ने अपने करियर की शुरुआत अमेरिका के टेनेसी में ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में पर्यावरण विज्ञान प्रभाग में पोस्टडॉक के रूप में की। उनका काम ने उन्हें नासा के संपर्क में लाया, और साल 2020 में उन्होंने युवा नासा में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त किया। इससे वह अपने प्रयासों का फल प्राप्त करने में सफल हुए और नासा के साथ जुड़कर अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान कर रहे हैं।
गौतम ने नासा के साथ जल चक्र पर कंप्यूटेशनल रिसर्च किया है, जहां उन्होंने बाढ़, बर्फ की पुनर्प्राप्ति और जल विज्ञान में नवाचारी तकनीकों में अपनी योगदान दी है। उनकी सफलता हमें यह सिखाती है कि मेहनत और आत्मविश्वास से किसी भी क्षेत्र में ऊँचाईयों तक पहुंचा जा सकता है, और उनका योगदान हमारे पृथ्वी के संरक्षण में महत्वपूर्ण है।