देशभर में आज, 5 सितंबर 2025 को शिक्षक दिवस पूरे हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। यह दिन भारत के महान दार्शनिक, विद्वान और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वर्ष का केंद्रीय विषय “अगली पीढ़ी के शिक्षार्थियों को प्रेरित करना” था, जिसने शिक्षा में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
पुरस्कार और सम्मान समारोह
इस अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में 45 उत्कृष्ट शिक्षकों को “राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया। इन शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में उनके समर्पण, नवाचार और उत्कृष्ट योगदान के लिए चुना गया है। प्रत्येक शिक्षक को एक प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये नकद और एक रजत पदक प्रदान किया गया। यह सम्मान शिक्षा जगत के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
स्कूलों और कॉलेजों में उत्साह
देशभर के स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षक दिवस के मौके पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। छात्रों ने अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, कविता पाठ और भाषण प्रस्तुत किए। कई स्कूलों में छात्रों ने खुद शिक्षक बनकर कक्षाएं लीं, जिससे उन्हें अपने गुरुजनों की भूमिका को समझने का मौका मिला।
डिजिटल माध्यम से भी बधाई
सोशल मीडिया पर भी शिक्षक दिवस की धूम रही। छात्रों, पूर्व छात्रों और आम जनता ने अपने प्रिय शिक्षकों को बधाई देने के लिए भावुक संदेश, कोट्स और तस्वीरें साझा कीं। यह दिवस केवल स्कूलों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हर उस व्यक्ति ने मनाया जिसने अपने जीवन में किसी भी रूप में गुरु का महत्व समझा।
शिक्षकों के योगदान का महत्व
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि “शिक्षक देश के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क होने चाहिए”। उनके इसी आदर्श को याद करते हुए, यह दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि एक शिक्षक सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देता, बल्कि वह चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों और जीवन जीने की कला भी सिखाता है। इस वर्ष की थीम ने भी इस बात पर जोर दिया कि बदलते समय में शिक्षकों को छात्रों को सिर्फ सूचना नहीं देनी चाहिए, बल्कि उन्हें रचनात्मकता, जिज्ञासा और आत्मविश्वास के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।