कश्मीर को “धरती का स्वर्ग” कहा जाता है. यहां की प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी घाटियां और झीलों की खूबसूरती मन को मोह लेती है. कुछ लोगों का तो कश्मीर में घूमना सपना तक होता है. जून से अगस्त के बीच यहां तापमान 20 से 30°C तक रहता है. बाकी के समय यहां मौसम में ठंडक रहती है, दिसंबर से लेकर फरवरी तक यहां पर भारी बर्फबारी देखने को मिलती है. यह सुंदर नजारा देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां घूमने के लिए जाते हैं. यहां पर घूमने के लिए कई बेहतरीन जगह हैं.
जम्मू-कश्मीर अब खेलों के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस बार यहां पहली बार “खेलो इंडिया वॉटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल” आयोजित होने जा रहा है। यह भव्य आयोजन 21 से 23 तारीख तक श्रीनगर की मशहूर डल झील पर होगा। फेस्टिवल में दर्शकों और प्रतिभागियों को कई रोमांचक वॉटर स्पोर्ट्स का आनंद मिलेगा। इसमें वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस, कयाकिंग और कैनोइंग जैसे खेल शामिल किए गए हैं। आयोजन का उद्देश्य कश्मीर को वॉटर स्पोर्ट्स के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।
सबसे ज्यादा लोग श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग घूमने जाना पसंद करते हैं. श्रीनगर अपनी प्राकृतिक सुंदरता जैसे कि झीलों, मुगल उद्यानों और ऐतिहासिक स्मारकों के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं. यहां पर वुलर, मानसबल और निगीन कई झील हैं. इसमें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध डल झील है. जहां आपको झील में तैरते बाजार देखने को मिलेंगे।
खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल
डल लेक पहली बार खेलो इंडिया वाटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल की मेजबानी कर रहा है. यह फेस्टिवल 21 से 23 अगस्त 2025 को आयोजित किया जा रहा है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि कश्मीर की खूबसूरत डल झील राष्ट्रीय खेलों का केंद्र होगी. इसमें देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 400 से ज्यादा एथलीट वॉटर स्कीइंग, ड्रैगन बोट रेस और हंटा स्प्रिंट जैसे मनोरंजक प्रदर्शन कार्यक्रम जिसमें रोइंग , कैनोइंग और कयाकिंग प्रतिस्पर्धा करने के लिए झील पर जुटेंगे।
केंद्रीय खेल मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित होने वाला यह फेस्टिवल स्थानीय युवाओं को भी खेलों में आगे बढ़ने का अवसर देगा। इससे प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। डल झील पर पहली बार होने वाले इस आयोजन से कश्मीर के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है।
शिकारा ऑपरेटर और वाटर स्पोर्ट्स एथलीट मोहम्मद रफीक मल्ला इस फेस्टिवल को एक बड़े अवसर के रूप में देखा है. उनका कहना है कि यह न सिर्फ एथलीटों के लिए बल्कि डल लेक से जुड़े सभी लोगों के लिए भी एक नए अवसर की तरह है. उनका कहना है कि वह चाहते हैं मैं देश भर के युवा एथलीटों को डल लेक में खेलते देखने चाहता हूं और साथ ही चाहता हूं कि वह कश्मीर की यात्रा का आनंद लें और डल झील के जीवन की हलचल को देखें. खासकर डल लेक में बगीचों से लेकर कम के फूल और जबरवान पहाड़ों का आनंद लें।