अमेरिका टैरिफ संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों और मछुआरों को लेकर अपने एक भाषण में कहा कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं।
मोदी ने अपने बयान में टैरिफ विवाद के बीच देश के किसानों के पक्ष में बड़ा और स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा, चाहे इसके लिए कितनी भी बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के कृषि उत्पादों पर टैरिफ को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि देश की प्राथमिकता कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों का कल्याण है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैं उनके हितों के लिए किसी भी प्रकार की कीमत चुकाने को तैयार हूं। हमारे किसान, पशुपालक और मछुआरे भाई-बहन ही भारत की आत्मा हैं।” खबरों कि माने तो, पीएम मोदी का यह बयान भारत की आत्मनिर्भर कृषि नीति की मजबूती को दर्शाता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक व्यापार दबाव के बावजूद अपने घरेलू उत्पादकों को संरक्षण देने की नीति पर अडिग रहेगा।
पीएम मोदी ने आईसीएआर पूसा में एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाषण देते हुए कहा कि मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशु पालकों के लिए आज भारत तैयार है। किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाने के लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं। हमारी सरकार ने किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार माना है।