झारखंड की राजनीति में बड़ा झटका लगा है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का आज 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे शिबू सोरेन को झारखंड की राजनीति में ‘दिशोम गुरुजी’ के नाम से जाना जाता था।
झारखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता के निधन की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर भावुक संदेश लिखा—
“आज मैंने अपने पिता, अपने मार्गदर्शक और अपने दिशोम गुरुजी को खो दिया है। आज मैं शून्य हो गया हूं।”
शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के सबसे बड़े चेहरों में से एक रहे। उन्होंने न केवल अलग राज्य की मांग को मजबूती दी, बल्कि आदिवासी समुदाय की आवाज़ को राष्ट्रीय राजनीति तक पहुंचाया। उनके निधन पर राज्यभर में शोक की लहर है और राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
उम्र संबंधित कई बीमारियां
शिबू सोरेन कई बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. लंबी बीमारी के बाद सोमवार (4 अगस्त) को उन्होंने दिल्ली के अस्पताल में आखिरी सांस ली. वे 19 जून से गंगाराम अस्पताल में भर्ती थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत JMM के कई नेता शिबू सोरेन के आखिरी वक्त में उनके साथ मौजूद थे.
बताया जा रहा है कि शिबू सोरेन को उम्र संबंधित कई बीमारियां थीं. साथ ही, उन्हें रीनल यानी किडनी की भी बीमारी थी. पिछले कुछ दिन से शिबू सोरेन व्हील चेयर पर थे. झामुमो के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी वे व्हील चेयर पर आए थे.
सक्रिय राजनीति से दूर, JMM का लगातार किया मार्गदर्शन
देखा जाए तो साल 2020 में राज्यसभा के लिए निर्वाचन हुआ था, उसके बाद से शिबू सोरेन राजनीति में खासा सक्रिय नहीं दिखे. हालांकि, वे लगातार झामुमो का मार्गदर्शन करते रहे.
निशिकांत दुबे ने दी श्रद्धांजलि
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैं जिस क्षेत्र से सांसद हूं, वो गुरुजी का ही क्षेत्र है. उनका व्यक्तित्व बहुत बड़ा था. ऐसा कभी नहीं हुआ कि उनके व्यवहार या विचार से किसी को परेशानी हुई हो. शिबू सोरेन के साथ सांसद रहते हुए कई साल काम करने का मौका मिला. उन्होंने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया.”