‘मोहब्बतें’ (2000) में अपनी मासूम मुस्कान और भोले किरदार से लाखों दिलों को जीतने वाले एक्टर जुगल हंसराज आज भी दर्शकों के दिलों में बसते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म से रातोंरात स्टार बनने वाले जुगल का करियर बेहद चौंकाने वाले मोड़ पर आकर ठहर गया था?
बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि जुगल हंसराज का जन्म पूर्व क्रिकेटर प्रवीण हंसराज के घर हुआ था. लेकिन उन्होंने क्रिकेट में नहीं बल्कि एक्टिंग में अपना करियर बनाया. जुगल ने सिर्फ 10 साल की उम्र से एक्टिंग शुरू कर दी थी. उनकी पहली फिल्म साल 1983 में आई ‘मासूम’ थी. फिल्म में उन्होंने नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी के साथ काम किया था. इसके अलावा भी उन्होंने बचपन में कई फिल्में की.
बॉलीवुड में कदम रखने से पहले जुगल एक सफल चाइल्ड आर्टिस्ट रह चुके थे। फिल्म ‘मासूम (1983)’ में उन्होंने अपनी मासूम अदाकारी से खूब तारीफें बटोरीं। लेकिन जब उन्होंने बतौर लीड एक्टर वापसी की तो ‘मोहब्बतें’ से उन्हें वो पहचान मिली जिसकी हर एक्टर को तलाश होती है।
फिल्म सुपरहिट रही, दर्शकों ने उनके लुक्स और एक्टिंग की जमकर तारीफ की। इसी लोकप्रियता की वजह से जुगल हंसराज ने एकसाथ करीब 40 फिल्मों के ऑफर्स साइन कर लिए। लेकिन अफसोस, इनमें से कई फिल्में या तो बनी ही नहीं या बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रहीं।
गलत स्क्रिप्ट सिलेक्शन, खराब मार्केटिंग और अचानक इंडस्ट्री के ट्रेंड्स में बदलाव ने उनके करियर को धीमे-धीमे खत्म कर दिया। कुछ वक्त बाद उन्होंने कैमरे के पीछे भी हाथ आजमाया और निर्देशन किया। जुगल हंसराज ने फिल्म ‘Roadside Romeo (2008)’ को डायरेक्ट किया, जिसे डिज़्नी और यशराज फिल्म्स ने मिलकर प्रोड्यूस किया था। लेकिन अभिनय की दुनिया से वो लगभग गायब हो गए।
आज जुगल हंसराज फिल्मों से भले ही दूर हों, लेकिन उनके फैन्स आज भी उन्हें ‘मोहब्बतें’ के Sameer के तौर पर याद करते हैं। उनके जन्मदिन के मौके पर यही कहा जा सकता है – कुछ चेहरे भले ही स्क्रीन से ओझल हो जाएं, लेकिन दिलों से कभी नहीं जाते।