अगर आप मोबाइल चलाते हैं या फिर न्यूज़ पेपर पढ़ते या टीवी देखते हैं तो बीते दिनों आपने एक नाम Trapit Bansal जरूर सुना होगा। यह नाम कोई साधारण नाम नहीं है। इस नाम का नाता भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से जुड़ा हुआ है। त्रपित बंसल ने अपने माता-पिता का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया। मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने अपनी नई सुपर इंटेलिजेंस लैब के लिए दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली AI शोधकर्ताओं को आकर्षित करने के लिए मोटे पैकेज की पेशकश की है।
Trapit Bansal को दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी Meta ने उन्हें ऑफर किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेटा ने त्रपित बंसल को करीब 850 करोड़ रुपये का बंपर ऑफर दिया है। यह न केवल देश, बल्कि पूरी दुनिया के युवाओं के लिए प्रेरणा का विषय बन गया है।
कौन हैं Trapit Bansal?
त्रपित बंसल उत्तर प्रदेश के कानपुर से ताल्लुक रखते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार त्रपित बंसल ने अपनी ग्रेजुएशन IIT Kanpur से की है। उन्होंने अपनी एक वेबसाइट बनाई है जिसमें उन्होंने अपने बारे में जानकारी दी है। IIT कानपुर से मैथमेटिक्स और स्टैटिक्स में डुअल डिग्री (B.S. और M.S.) हासिल करने के बाद, बंसल ने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट से कंप्यूटर साइंस में M.S. और Ph.D. पूरी की। कानपुर से उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
कैसा रहा है Trapit Bansal का प्रोफेशनल करियर
उनकी थीसिस, “फ्यू-शॉट नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग बाय मेटा-लर्निंग विदाउट लेबल्ड डेटा,” ने मेटा-लर्निंग और NLP के क्षेत्र में उनकी गहरी समझ को प्रदर्शित किया। त्रपित बंसल ने एक्सचेंज मैनेजमेंट कंसल्टिंग में बतौर विश्लेषक काम किया और बाद में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बैंगलोर में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में बायेसियन मॉडलिंग पर काम किया। इसके बाद, उन्होंने फेसबुक, गूगल रिसर्च, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च, और OpenAI जैसी टॉप AI कंपनियों में इंटर्नशिप की।
मेटा में क्या है भूमिका?
उन्होंने मेटा-लर्निंग, रिइंफोर्समेंट लर्निंग, और NLP में अपनी विशेषज्ञता को और निखारा। और आज मेटा ने उन्हें मुंह मांगे पैकेज पर अपने यहां नौकरी पर रखा है। उनका पैकेज 850 करोड़ रुपये का है। इतना पैकेज पाते ही वह सोशल मीडिया पर छा गए हैं। फिलहाल त्रपित बंसल मेटा टीम के साथ एआई मशीन एंड लर्निंग पर काम कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़
Trapit Bansal का नाम सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं। “कानपुर का गौरव”, “भारत का होनहार बेटा”, जैसे कई टैग्स के साथ लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं। खासकर यूपी और कानपुर के लोग अपने इस होनहार बेटे की उपलब्धि पर गर्व कर रहे हैं।
Trapit Bansal की यह सफलता सिर्फ एक व्यक्ति की जीत नहीं, बल्कि भारत के युवा टैलेंट की अंतरराष्ट्रीय पहचान का प्रतीक बन चुकी है। उनका यह सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणादायक है, जो सीमित संसाधनों से निकलकर असीम ऊंचाइयों को छूना चाहता है।