उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में राज्य स्तरीय 22 वर्षीय कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कुत्ते के बच्चेंं के काटने के बाद कथित तौर पर एंटी-रेबीज टीका नहीं लगवाने के कारण मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों का बुरा हाल है. सोलंकी के परिजनों ने बृहस्पतिवार को मौत की जानकारी दी.
जानकारी के मुताबिक खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के फराना गांव के निवासी सोलंकी को दो महीने पहले एक पिल्ले ने काट लिया था, लेकिन उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके बाद 28 जून को अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. सोलंकी के भाई संदीप ने बताया कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद बचाया नहीं जा सका.
बृजेश को तेज बुखार, घबराहट और पानी से डर लगने जैसे रेबीज के लक्षण दिखने लगे। जब तक उसे अस्पताल ले जाया गया, तब तक वायरस ने उसकी स्नायु प्रणाली को नुकसान पहुंचा दिया और गुरुवार को उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
संदीप ने बताया कि करीब दो महीने पहले, एक पिल्ला नाले में फंस गया था. उसे बचाने की कोशिश में पिल्ले ने बृजेश की उंगली पर काट लिया. संदीप के मुताबिक बृजेश सोलंकी ने सोचा कि यह गंभीर नहीं है और उसने एंटी-रेबीज का टीका नहीं लगवाया. बाद में अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल ने पुष्टि की कि उसे एक पागल जानवर ने काटा था, संभवतः एक बंदर या कुत्ता होगा. बृजेश उस हादसे के दौरान गांव में रह रहा था और स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण ले रहा था.
डॉक्टरों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस घटना को “पूर्णतः रोकी जा सकने वाली मौत” करार दिया। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि: “कुत्ते या पिल्ले के काटने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है, चाहे जानवर छोटा हो या बड़ा।”
रेबीज क्या है?
रेबीज एक जानलेवा वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित जानवर के काटने से मनुष्यों में फैलता है। संक्रमण होने के बाद जब एक बार लक्षण दिखने लगते हैं, तब यह लगभग 100% घातक हो जाता है।
गांव में मातम, खेल जगत में शोक
बृजेश की मौत से उनके गांव और खेल जगत में गहरा शोक लहर है। एक होनहार खिलाड़ी की ऐसे असामयिक मौत ने जागरूकता की कमी और लापरवाही के खतरनाक परिणाम को उजागर किया है।