हिन्दु धर्म में अमरनाथ गुफा मंदिर को एक पवित्र तीर्थ माना गया है, जिसके दर्शन से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. साल 2025 में 3 जुलाई, गुरुवार से अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो रही है. इस दिन पहला जत्था रवाना हो चुका है. अमरनाथ गुफा मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है मान्यता है इसी जगह पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था. मान्यता है कि इस रहस्य को कोई और न सुन ले, इसलिए भोलेनाथ ने अपने सभी गणों और नंदी बैल को पीछे छोड़ दिया था और अंत में उस गुफा में प्रवेश किया, जिसे आज अमरनाथ गुफा के नाम से जाना जाता है।
अमरता का रहस्य और ‘अमर कबूतरों’ की कथा
जब शिव-पार्वती संवाद चल रहा था, तभी वहां दो कबूतरों का जोड़ा मौजूद था, जो यह रहस्य सुन रहे थे। मान्यता है कि वे दोनों कबूतर अमर हो गए और आज भी अमरनाथ गुफा में कभी-कभी दर्शन देते हैं। श्रद्धालु इन्हें शिव-पार्वती के रूप में पूजते हैं।
यात्रा का समय और महत्त्व
- शुरुआत: 3 जुलाई 2025 (गुरुवार)
- समापन: रक्षा बंधन पर, 19 अगस्त 2025
- यात्रा मार्ग: पहलगाम (42 किमी ट्रैक) और बालटाल (14 किमी ट्रैक)
- ऊंचाई: लगभग 3,888 मीटर
सुरक्षा और प्रशासन की तैयारियां
- यात्रियों के लिए RFID ट्रैकिंग, मेडिकल चेकअप और हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
- ITBP, CRPF, और सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
- मोबाइल नेटवर्क, मेडिकल कैंप और राहत केंद्र भी तैयार हैं।
पुण्य का अवसर
धार्मिक मान्यता है कि अमरनाथ यात्रा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन पर्वतीय रास्तों को पार कर शिवलिंग रूप में स्वयंभू हिम शिव के दर्शन के लिए गुफा तक पहुंचते हैं।