दिल्ली AIIMS से MBBS करने वाले पुलकित बंसल ने UPSC CSE 2024 में ऑल इंडिया रैंक 155 हासिल कर एक नई मिसाल कायम की है। जहां ज्यादातर लोग डॉक्टरी की डिग्री के बाद मेडिकल फील्ड में ही करियर बनाना चाहते हैं, वहीं पुलकित ने गांव में अपनी पोस्टिंग के दौरान जो हालात देखे, उसने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।
एमबीबीएस टॉपर, लेकिन दिल था समाज सेवा में
पुलकित ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान AIIMS दिल्ली से MBBS किया था। उनका करियर मेडिकल लाइन में सुरक्षित और उज्ज्वल था। लेकिन जब MBBS के बाद उनकी पोस्टिंग एक ग्रामीण इलाके में हुई, तो उन्होंने नजदीक से देखा कि वहां स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब थी, संसाधनों की कमी थी और लोगों की तकलीफें असहनीय थीं।
पुलकित ने कहा:
मैंने महसूस किया कि एक डॉक्टर के तौर पर मैं सिर्फ एक स्तर पर लोगों की मदद कर सकता हूं, लेकिन एक सिविल सर्वेंट के रूप में मैं सिस्टम के स्तर पर बदलाव ला सकता हूं।”
पहले ही प्रयास में क्लियर की UPSC
पुलकित ने MBBS के बाद एक साल की तैयारी में ही UPSC की परीक्षा पास कर ली। उन्होंने कहा कि डॉक्टर बनने की पढ़ाई ने उन्हें अनुशासन, लंबे समय तक फोकस, और सामाजिक जिम्मेदारी समझने की ताकत दी, जो UPSC में बहुत काम आई।
स्ट्रैटेजी:
- रोजाना 6–8 घंटे की स्टडी
- NCERTs और बेसिक बुक्स पर फोकस
- करंट अफेयर्स के लिए द हिंदू और PIB
- उत्तर लेखन का अभ्यास और मॉक टेस्ट सीरीज
- वैकल्पिक विषय: मेडिकल साइंस
परिवार और बैकग्राउंड
पुलकित पंजाब के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी और उनका सपना था कि बेटा समाज के लिए कुछ बड़ा करे।
अब लक्ष्य है “इम्पैक्ट लाना”
UPSC पास करने के बाद पुलकित का मानना है कि नीति निर्माण और ग्रासरूट प्रशासन के ज़रिए वे लाखों लोगों की ज़िंदगी बेहतर बना सकते हैं।
पुलकित बंसल की कहानी न सिर्फ मेडिकल प्रोफेशन से जुड़ी सीमाओं को उजागर करती है, बल्कि यह दिखाती है कि अगर इरादा पक्का हो तो करियर में बड़ा बदलाव भी समाज सेवा की दिशा में उठाया जा सकता है। उनका यह सफर देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है – “जहां जरूरत है, वहीं से बदलाव की शुरुआत करें।”