कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए एक नई उम्मीद सामने आई है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक जहरीली फंगस से ऐसी नई दवा तैयार की है, जो कैंसर कोशिकाओं को बेहद प्रभावी तरीके से खत्म कर सकती है। इसे चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
इस फंगस का वैज्ञानिक नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन शोधकर्ताओं का दावा है कि यह फंगस प्राकृतिक रूप से बहुत ज़हरीली होती है, लेकिन इसके अंदर पाए जाने वाले कुछ यौगिकों (Compounds) को आधुनिक तकनीक से मॉडिफाई करके दवा के रूप में तैयार किया गया है। इस दवा ने कैंसर सेल्स को टारगेट कर उन्हें खत्म करने में शानदार परिणाम दिए हैं।
कैसे काम करती है यह दवा?
वैज्ञानिकों के अनुसार, फंगस से निकाले गए यौगिकों में कैंसर सेल्स के DNA को नुकसान पहुंचाने की क्षमता होती है, जिससे वे आगे बढ़ नहीं पाते और धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं।
प्री-क्लिनिकल ट्रायल्स में यह दवा विशेष रूप से ब्रेन, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर पर प्रभावी साबित हुई है। अब इसे इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।
वैज्ञानिकों का क्या कहना है?
डॉ. एलिजाबेथ रोबिन्सन, जो इस प्रोजेक्ट की प्रमुख शोधकर्ता हैं, उन्होंने कहा: प्राकृतिक ज़हरों में अद्भुत औषधीय क्षमता होती है, बशर्ते उन्हें सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए। यह दवा कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।”
भारत सहित दुनियाभर के डॉक्टरों की नजर
इस शोध ने भारत समेत पूरी दुनिया के मेडिकल समुदाय का ध्यान खींचा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह दवा क्लिनिकल ट्रायल्स में सफल होती है, तो यह कैंसर की पारंपरिक कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का बेहतर विकल्प बन सकती है।
कब तक आ सकती है मार्केट में?
अभी यह दवा टेस्टिंग के चरण में है। अगर सभी चरण सफल होते हैं, तो आने वाले 3-5 वर्षों में यह दवा बाजार में उपलब्ध हो सकती है।
प्राकृतिक जहर से कैंसर का इलाज – यह सोच भविष्य में असलियत बन सकती है। जहरीली फंगस से बनी यह नई दवा कैंसर पीड़ितों के लिए जीवन की नई किरण बनकर उभर रही है।