आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 को लेकर जम्मू-कश्मीर में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहे। बैठक में यात्रा के सुरक्षा इंतजामों, स्वास्थ्य सेवाओं, ट्रैफिक प्रबंधन और आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की गई।
बैठक में केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी, सुरक्षा बलों के प्रतिनिधि, श्राइन बोर्ड के सदस्य और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए। उपराज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें।
उमर अब्दुल्ला ने भी इस दौरान अमरनाथ यात्रा को लेकर अपनी चिंता और सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल धार्मिक महत्व की नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की सामाजिक और आर्थिक धारा का भी अहम हिस्सा है। उन्होंने स्थानीय लोगों की भागीदारी को बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “अमरनाथ यात्रा श्रद्धा, संस्कृति और सेवा का प्रतीक है। हमारी प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा है। हम इस बार यात्रा को और भी सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इस बार अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। हजारों श्रद्धालु हिमलिंग के दर्शन के लिए दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र गुफा में पहुंचेंगे। प्रशासन ने इस बार यात्रा पंजीकरण, ट्रैकिंग सिस्टम और हेल्थ चेकअप के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने की योजना बनाई है।