अमेरिका में अब व्हाट्सएप को लेकर नई चिंता सामने आई है. अमेरिकी संसद ‘हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स’ ने सुरक्षा कारणों से सभी सरकारी डिवाइसेज़ से व्हाट्सएप हटाने का आदेश जारी किया है. बताया गया है कि यह फैसला डेटा प्राइवेसी और साइबरसिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस फैसले की जानकारी सोमवार को एक आधिकारिक मेमो के जरिए संसद के सभी कर्मचारियों को दी गई.
साइबरसिक्योरिटी ऑफिस, जो हाउस के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (CAO) के तहत काम करता है, ने चेतावनी दी है कि व्हाट्सएप यूज़र डेटा की सुरक्षा को लेकर पारदर्शिता नहीं बरतता और इसमें कई सिक्योरिटी खामियां हैं. इस वजह से इसे “उच्च जोखिम वाला ऐप” माना गया है.
ईरान के बाद अब अमेरिका में भी व्हाट्सएप को लेकर सुरक्षा अलर्ट जारी हो गया है। अमेरिका की संसद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने आदेश दिया है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को अपने ऑफिस डिवाइसेज़ से व्हाट्सएप हटाना होगा। यह कदम डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा के मद्देनज़र उठाया गया है।
आदेश की मुख्य बातें:
- व्हाट्सएप को “पोटेंशियल साइबर रिस्क” माना गया है।
- सरकारी सूचना लीक होने की आशंका जताई गई है।
- यह आदेश हाउस के सभी सदस्यों, स्टाफ और संवेदनशील विभागों पर लागू होगा।
क्या है अमेरिका की चिंता?
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका को शक है कि व्हाट्सएप के माध्यम से विदेशी एजेंसियां निगरानी या डेटा हैकिंग जैसे साइबर अटैक कर सकती हैं। खासकर ऐसे ऐप्स जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के नाम पर बैकडोर एक्सेस दे सकते हैं, उन्हें लेकर अमेरिका सतर्क हो गया है।
ईरान में भी बैन:
इससे पहले ईरान सरकार ने भी अपने सरकारी कर्मचारियों को व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे विदेशी ऐप्स न इस्तेमाल करने का आदेश दिया था।
क्या भारत में भी हो सकता है ऐसा?
हालांकि भारत सरकार ने अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है, लेकिन डेटा प्राइवेसी बिल और डिजिटल सिक्योरिटी को लेकर भारत में भी चर्चाएं तेज हैं।